गुजरात के सूरत में एक ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसके कैंपस में सकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव वाइव्स) के लिए 5-7 गिर नस्ल की गाय पाली जाएगी. इस यूनिवर्सिटी का नाम वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) है. इस फैसले के बाद यह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई है. खास बात ये है कि गायों पर रिसर्च के लिए यहां 'कामधेनु चेयर' नाम का एक डिपार्टमेंट बनेगा जो गाय आधारित रिसर्च और आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देगा.
वीएनएसजीयू के सूत्रों ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यूनिवर्सिटी में पेपर लीक, ग्रेजुएशन कोर्स में छात्रों का कम पास प्रतिशत, अलग-अलग काम के लिए टेंडर मिलने में देरी और अन्य मुद्दों जैसी हाल की समस्याओं के बाद गाय पालने का फैसला लिया गया. इसे लेकर एक ज्योतिषी की सलाह के बाद कैंपस में गायों को रखने और उनकी देखभाल करने का निर्णय लिया गया.
कुछ हफ्ते पहले, यूनिवर्सिटी ने 48 साल पहले बने अपने ओरिजनल एडमिन ब्लॉक को तोड़ दिया था, क्योंकि इसमें दरारें आ गई थीं और एक सर्वे रिपोर्ट से पता चला था कि यह इस्तेमाल के लिए ठीक नहीं है. पिछले एक साल से एडमिन का काम अन्य बिल्डिंगों से चल रहा है.
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सूत्रों ने बताया कि सरकार ने नई बिल्डिंग के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दे दी है, जिसकी पहली किस्त कुछ सप्ताह पहले ही आ गई है. सूत्रों ने बताया कि वास्तुकारों के अलावा 60 साल से चलने वाली इस यूनिवर्सिटी ने एक ज्योतिष शास्त्री और वास्तु विशेषज्ञों से भी संपर्क किया और उन्हें नई बिल्डिंग बनाने से पहले उस कैंपस को दिखाया. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने तीन जगहों को सेलेक्ट किया.
वीएनएसजीयू के कुलपति डॉ. के एन चावड़ा ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, "ज्योतिष विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि अगर नई इमारत के स्थान पर एक महीने के लिए पांच से सात गायों को रखा जाए और उनकी विशेष देखभाल की जाए, तो इससे सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी और प्रशासन को सही ढंग से काम चलाने में मदद मिलेगी. हमने कुछ गैर सरकारी संगठनों से संपर्क किया है और कुछ गायों को उपलब्ध कराने में उनकी मदद मांगी है, जिन्हें एक अस्थायी शेड के अंदर यूनिवर्सिटी कैंपस में रखा जाएगा. अगले कुछ दिनों में एक एनजीओ हमसे मिलने आएगा."
नई बिल्डिंग बनाने के बारे में उन्होंने कहा, "पुरानी एडमिन बिल्डिंग सिर्फ दो मंजिल ऊंची थी, लेकिन हम नई इमारत को पांच-छह मंजिल तक बनाने जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा दफ्तर बनाए जा सकें. नई इमारत में कर्मचारियों और छात्रों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी. हमने कैंपस में तीन नई जगहों को शॉर्टलिस्ट किया है और एक को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं."
“कामधेनु चेयर” के बारे में सूत्रों ने बताया कि इसका रोल छात्रों में जागरूकता फैलाने में होगा. “गाय-आधारित अनुसंधान और उद्यमिता” पर एक कोर्स शुरू किया जाएगा और इसमें गाय-आधारित खेती, जैविक उत्पाद, आयुर्वेद और बायोगैस तकनीक जैसे विषय शामिल होंगे. यह डिपार्टमेंट गाय-आधारित प्रोडक्ट, बायो फर्टिलाइजर और प्राकृतिक कीटनाशकों जैसी तकनीक में रिसर्च को भी बढ़ावा देगा.
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इसके अलावा, यूनिवर्सिटी में वर्कशॉप कराए जाएंगे और गाय आधारित उद्योगों पर केंद्रित स्टार्ट-अप शुरू करने में छात्रों की सहायता की जाएगी. यहां छात्रों, किसानों और उद्यमियों को ट्रेनिंग देने का भी काम होगा.
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