दूध उत्पादन के मामले में भारत विश्व् में तो यूपी देश में नंबर वन है. चार साल में तीन बार यूपी ने देश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन कर नंबर वन का खिताब बरकरार रखा हुआ है. देश के कुल दूध उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी 15 फीसद से ज्यादा है. हाल ही में यूपी की एक प्रतिष्ठित डेयरी कंपनी ने ब्राजील की सरकार के साथ मिलकर गिर गाय पर एक प्रोजेक्ट शुरू किया है. यही वजह है कि यूपी में डेयरी सेक्टर के अंदर रोजगार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. इसे और बढ़ावा देने के लिए ही आज यूपी सरकार ने बजट में पशुपालन और डेयरी सेक्टर के लिए अपना पिटारा खोल दिया है.
बजट में पशुपालकों के जोखिम को कम करने के लिए करोड़ों रुपये की योजना की घोषणा की गई है. प्रदेश में पशु चिकित्सों की संख्या बढ़ाने के लिए पशु महाविद्वालय खोलने की घोषणा की गई है. मथुरा में डेयरी प्लांट की क्षमता बढ़ाने की घोषणा भी बजट में की गई है.
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आज विधानसभा में बजट पेश करते हुए पशुओं की बीमारी पर रोकथाम लगाने और उन्हेंन खत्म करने के लिए पशु रोग नियंत्रण योजना को 195.94 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की गई है. साथ ही अगर पशु बीमार हो जाता है और बीमारी के चलते उसकी मौत हो जाती है तो ऐसे में पशुपालक को उसका 100 फीसद नुकसान ना हो इसके लिए सरकार ने जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना के लिए 78.55 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है.एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के इस कदम से पशुपालकों का जोखिम कम हो जाएगा. साथ ही नए पशुपालक भी इस क्षेत्र में आएंगे. गोरखपुर में वेटरनरी कॉलेज बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है.
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आज यूपी ही नहीं देशभर में डेयरी सेक्टर से जुड़ीं मिल्क सोसाइटी का एक बड़ा रोल है. बजट में सरकार ने इनक पूरा ख्याल रखा है. ऐसी सोसाइटियों को और मजबूत करने और बंद पड़ी सोसाइटियों को शुरू करने के लिए सरकार ने 106.95 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. कामयाबी के साथ चल रही नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना के लिए सरकार ने 74.21 करोड़ प्रस्तावित किए हैं. यूपी में खुलने वालीं छोटी डेयरी यूनिट को प्रोत्साहन देने के लिए 25 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं. इतना ही नहीं मथुरा में चल रहे 30 हजार दूध प्रतिदिन की क्षमता वाली यूनिट की क्षमता एक लाख लीटर दूध प्रतिदिन करने के लिए 23 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
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