बकरीद सिर्फ एक खास धर्म ही नहीं बकरी पालकों का भी त्यौहार जैसा ही है. बकरीद वो मौका है जब पशुपालक सालभर की कमाई कुछ दिनों में ही कर लेते हैं. पूरे साल में ये एक मौका ही ऐसा आता है जब देशभर में सबसे ज्यादा बकरे बिकते हैं. इतना ही नहीं अरब देशों तक में इस मौके पर बकरे एक्सपोर्ट किए जाते हैं. गोट एक्सपर्ट का कहना है कि आज जमाना सोशल मीडिया का है. अगर आप अपने बकरों की मार्केटिंग करते हैं तो उनके जल्दी बिकने और अच्छे दाम मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं.
बाजार में बकरों की खूबियों को बताया जाए. बाजार में आप अच्छे बकरे बेच रहे हैं इसके लिए फार्म का प्रचार किया जाए. अब तो यह काम सोशल मीडिया पर फ्री में हो जाता है. सिर्फ बकरों को अच्छी तरह पालकर उन्हें तंदरुस्त बनाकर ही मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है. इसलिए अब ये भी जरूरी हो जाता है कि एक्सपर्ट के मुताबिक बकरा पालन कर सोशल मीडिया पर उनके बारे में बात की जाए.
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गोट एक्सपर्ट राशिश, मथुरा ने बताया कि साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने के साथ ही यह भी जरूरी है कि आप उसके लिए अच्छा बाजार तलाशे. या फिर बकरे-बकरी के ग्राहकों को अपने फार्म तक लेकर आएं. क्योंकि आपसे 50-100 किमी दूर बैठे ग्राहक को नहीं पता कि आपके फार्म की क्या क्वालिटी है. और न ही आपका फार्म सड़क किनारे किसी दुकान-शोरुम की तरह से है कि आते-जाते किसी की भी निगाह उस पर जाएगी. आज सोशल मीडिया के जमाने में अपने कारोबार का प्रचार करना बहुत ही आसान है. साथ ही ये ना के बराबर खर्च पर हो जाता है.
आपको बस करना ये है कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर बकरे और बकरी का फोटो डालकर दो-चार लाइन में उसकी खूबियों को लिखना है. फार्म की फोटो डालकर यह बताना है कि इस जगह बकरे और बकरियों का फार्म है. यहां बकरे-बकरी बिकते हैं. और खास बात ये है कि आज इस जरूरत को समझते हुए सरकारी संस्थान में इस बारे में ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
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