राजस्थान जिले का एक नाम सिरोही है. इसी जिले के नाम पर बकरे-बकरियों की एक खास नस्ल सिरोही नाम से जानी जाती है. देशभर में इस खास नस्ल के बकरे-बकरियों को दूध और मीट के लिए बहुत पसंद किया जाता है. सिरोही नस्ल की बकरी एक दिन में 750 ग्राम से लेकर एक लीटर तक दूध देती है. वहीं इस नस्ल के बकरों का वजन 50 से 60 किलो तक हो जाता है. छोटे किसानों के बकरी पालन के लिए इस नस्ल को बहुत अच्छी माना जाता है.
गोट एक्सपर्ट का कहना है कि देश में पाई जाने वाली बकरियों की 37 नस्ल में से इस नस्ल के पालन पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है. और खास बात ये कि देश में अब मीट के साथ-साथ बकरी के दूध की डिमांड भी बहुत बढ़ रही है. अकेले दूध पर ही लागत से कई गुना मुनाफा मिल जाता है.
इसे भी पढ़ें: Goat Farming: ब्रीडर बकरे में हैं ये क्वालिटी तो बाड़े में होगी ज्यादा दूध देने वाली बकरियों की फौज
सिरोही नस्ल की बकरी राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी पायी जाती है. वैसे इसका पालन अब भारत के अन्य हिस्सों में भी किया जाता है. इसकी पहचान की बात की जाए तो यह छोटे आकार का जानवर है. इसके शरीर का रंग भूरा होता है. वहीं शरीर पर हल्के या भूरे रंग के धब्बे भी देखने को मिलते हैं. कान इसके चपटे और लटके हुए होते हैं, जबकि सींग मुड़े हुए. बाल छोटे और मोटे होते हैं. वहीं नर सिरोही के शरीर की लंबाई लगभग 80 सेमी तक होती है. जबकि मादा की लंबाई लगभग 62 सेमी तक होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इसकी 60 प्रतिशत से ज्यादा संभावना होती है कि ये दो बच्चों को जन्म दे.
गोट एक्सपर्ट कहते हैं कि ये नस्ल बहुत ही जिज्ञासु प्रकृति की होती है. इसके खाने की बात की जाए तो ये विभिन्न प्रकार का चारा, जो कड़वा, मीठा, नमकीन और स्वाद में खट्टा हो तो भी सभी को खा लेती है. वैसे स्वाद और आनंद के साथ फलीदार भोजन जैसे लोबिया, बरसीम, लहसुन आदि खाना इन्हें ज्या दा पसंद होता है. मुख्य रूप से ये चारा खाना ज्यादा पसंद करती हैं. इससे सिरोही बकरियों को ऊर्जा और हाई प्रोटीन मिलता है. एक खराब आदत भी इस नस्ल की होती है कि ये भोजन वाले स्थान पर पेशाब कर देती हैं, जिससे भोजन खराब हो जाता है. इससे बचने के लिए सिरोही के बाड़े में खास तरह के फीड स्टाल बनाने चाहिए.
ये भी पढ़ें: Animal Husbandry: 7 साल में डेयरी, फिशरीज-पोल्ट्री की बदल जाएगी तस्वीर, नौकरी-रोजगार के होंगे लाखों मौके
एक्सपर्ट के मुताबिक सिरोही बकरियों की अच्छी सेहत के लिए कुछ खास टिप्स पर ध्यान देना चाहिए. सिरोही बकरी के ब्याने के फौरन बाद ही दूध नहीं निकालना चाहिए. वहीं ब्यांत वाली बकरियों को ब्याने से 15 दिन पहले साफ, खुले और कीटाणु रहित ब्याने वाले कमरे में रखने का खास इंतजाम करना चाहिए. जन्म के तुरंत बाद मेमने के पूरे शरीर को साफ सुथरे और सूखे कपड़े से साफ करना चाहिए. वहीं उसके नाक, मुंह, कान में से जाले साफ करना चाहिए. इन बकरियों का क्लोस्ट्रीडायल बीमारी से बचाव करना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए. जब बच्चा पांच से छह सप्ताह का हो जाए तब रोग से लड़ने के लिए टीकाकरण कराएं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today