अंडे-चिकन से जुड़ा पोल्ट्री सेक्टर लगातार तरक्की कर रहा है. अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व में भारत ऐग में दूसरे तो चिकन में 5वें स्थान पर आ गया है. पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक ये सेक्टर 2.5 लाख करोड़ का हो चुका है. हर साल इस कारोबार में आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ोतरी हो रही है. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऐसा तैयार हो चुका है कि डिमांड के मुताबिक कम वक्त में ही प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है. लेकिन अब इस सेक्टर को जरूरत है सरकारी मदद की.
सरकार से मदद मिलते ही पोल्ट्री सेक्टर इंटरनेशनल बाजार में भी अपनी धाक जमा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि इंडियन ऐग मार्केट के लिए एक्सपोर्ट के बहुत मौके हैं. लेकिन जरूरत है कि सरकार की मदद से कुछ काम करने की. इसलिए पोल्ट्री सेक्टर आने वाले आम बजट से खासी उम्मीद लगा रहा है. पोल्ट्री को बढ़ावा देने वाले चार खास काम किए जाने की मांग की जा रही है. लेकिन बीते कई बजट से ये मांग लगातार उठाई जा रही है.
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यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्षफ नवाब अकबर अली का कहना है कि बीते कुछ वक्त से लगातार मक्का के दाम बढ़ रहे हैं. पोल्ट्री में शामिल मक्का का अहम रोल है. इसी तरह बाजरा, सोयाबीन और मक्का की एमएसपी भी तय कर दी गई है. मक्का से इथेनॉल भी बनाया जा रहा है. लेकिन पोल्ट्री प्रोडक्ट अंडा-चिकन के बारे में सरकार बात नहीं कर रही है. इसलिए जैसे फीड में शामिल अनाज की एमएसपी तय की गई है उसी तरह से अंडे की एमएसपी भी तय की जाए.
यूपी के पोल्ट्री कारोबारी अमित सिंह का कहना है कि पोल्ट्री कारोबार कई तरह के जोखिम से जूझता है. देश-दुनिया में कोई भी बीमारी फैले, लेकिन सबसे पहले निशाने पर आती है पोल्ट्री. मौसम की मार भी सबसे ज्यादा इसी कारोबार पर पड़ती है. अंडा कारोबार में उतार-चढ़ाव भी बहुत बना रहता है. जनवरी में अंडा छह रुपये का बिक जाता है तो जून, जुलाई-अगस्त में यही अंडा साढ़े तीन रुपये से चार रुपये के बीच बिकता है. इसलिए सरकार इसे अंडा मिड-डे-मील में शामिल करती है तो साल के 12 महीने एक जैसा बाजार मिल जाएगा.
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पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री सेक्टर में इन दो चीजों को भी शामिल कर लिया जाए तो यह कारोबार चमकने लगेगा. पहला तो यह कि एग्रीकल्चर की तरह से पोल्ट्री को भी तमाम सुविधाएं दी जाएं. दूसरी यह कि गर्मियों में जब अंडे की डिमांड कम होती है तो 75 फीसद सब्सिडी के साथ पोल्ट्री फार्म में ही कोल्ड रूम बनाने की राहत दी जाए.
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