UP की इस गौशाला में गोबर से बन रहे हैं कई सारे सुंदर प्रोडक्ट, ई-कॉमर्स अमेजन पर लाखों की सेल

UP की इस गौशाला में गोबर से बन रहे हैं कई सारे सुंदर प्रोडक्ट, ई-कॉमर्स अमेजन पर लाखों की सेल

संदीप मिश्रा ने बताया कि हमारे द्वारा संचालित गौशाला में गौमूत्र व गोबर से कई उत्पाद बनाये जाते हैं. गौवंश के गोबर व मूत्र से बने उत्पादों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

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UP की इस गौशाला में गोबर से बन रहे हैं कई सारे सुंदर प्रोडक्ट, ई-कॉमर्स अमेजन पर लाखों की सेलमां शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला में गाय के गोबर व मूत्र से विभिन्न उत्पाद बनाये जा रहे हैं.

Cow Dung Products: सहारनपुर के कान्हा उपवन गौशाला का निर्माण वर्ष 2019 में किया गया था. कुछ ही सालों में गोशाला अपने पैरों पर खड़ी हो गई. सहारनपुर नगर निगम मां शाकुंभरी कान्हा उपवन गोशाला अपना खर्च निकालने के बाद अब सालाना 12 लाख रुपये मुनाफा कमा रही है. इस गौशाला में गोमूत्र और गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाये जाते हैं. गोबर की मूर्तियां, उपले, यहां तक कि अब गोबर से पेंट भी तैयार किया जाएगा. गौशाला में बने गोबर व गौमूत्र के उत्पाद अब अमेजॉन वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है. इसका लाभ मिलने से यह गौशाला पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बन रही है. इस गौशाला में तीन महिलाएं समेत 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

ई-कॉमर्स अमेजन पर बिक्री

इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में सहारनपुर नगर निगम के पशु चिकित्सा व कल्याण अधिकारी संदीप मिश्रा ने बताया कि मां शाकम्भरी कान्हा उपवन गौशाला नगर निगम के द्वारा संचालित की जा रही है. जिसमें करीब 546 गौवंश है. उन्होंने बताया कि यह सभी पशु नगर निगम द्वारा सड़को पर घूमने वाले थे, जिन्हें अब गौशाला में आश्रय मिला है. संदीप मिश्रा ने बताया कि हमारे द्वारा संचालित गौशाला में गौमूत्र व गोबर से कई उत्पाद बनाये जाते हैं. गौवंश के गोबर व मूत्र से बने उत्पादों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है. ई- मार्केटिंग अर्थात अमेज़न वेबसाइट पर ऑनलाइन के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है, जिससे कनर्टका, तेलंगाना, कर्नाटक, तेलंगाना राज्यों समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गोबर से बने प्रोडक्ट की डिमांड आ रही है.

नेम प्लेट, धूपबत्ती, हवनकुंड, राखियां समेत 50 प्रोडक्ट

पशु चिकित्सा व कल्याण अधिकारी संदीप मिश्रा बताते हैं कि मां शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला में गाय के गोबर व मूत्र से विभिन्न उत्पाद बनाये जा रहे हैं. जैसे दीपक, कलाकृतियां, देवी देवताओं की मूर्तियां व गोमूत्र से फिनाइल बनाया जा रहा है. जिसका नाम गोनाइल रखा गया है. उन्होंने बताया कि इस फिनाइल को बाथरूम, टॉयलेट आदि में उपयोग किया जाता है. जिसमें किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं मिलाया गया है. वहीं गोबर के लट्ठे (ईंधन) श्मशान घाटों में बेचने शुरू किए. गोबर के दीये, नेम प्लेट, धूपबत्ती, हवनकुंड, राखियां, ओम, स्वास्तिक, चप्पल, घड़ियां समेत करीब 50 उत्पाद बनाकर बेचे जा रहे हैं.

गौमूत्र से तैयार फिनाइल
गौमूत्र से तैयार फिनाइल

उन्होंने बताया कि इन उत्पादों को नगर निगम द्वारा ई मार्केटिंग से विक्रय करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. गौशाला में बने उत्पादों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वह उत्पादों को बिक्री करने के लिए नगर निगम द्वारा ई-रिक्शा लगाकर इसका प्रचार प्रसार जनपद में किया जा रहा है. 

गौमूत्र से लाइलाज बीमारियों का इलाज

संदीप मिश्रा ने बताया कि गौमूत्र से भी लाइलाज बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. यही वजह है कि आज देसी गाय पालन को प्रमोट किया जा रहा है. यह ग्रामीण इलाकों में आमदनी का अहम जरिया बन गया है. पहले सिर्फ गाय के दूध से कमाई होती थी, लेकिन जब से इको-फ्रैंडली का नारा बुंलद हुआ है, तब ही से गाय के गोबर से लेकर गौमूत्र से तमाम उत्पाद बनाए जा रहे हैं. गाय के दूध में औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसके दूध से बने घी की विदेश में भारी मांग है, जबकि इसके गौमूत्र से आज कैंसर की दवाएं तक बनाई जा रही है.

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