पोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग पर वजीफा दे रही ये सरकार, आने-जाने का खर्च भी मिलेगा

पोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग पर वजीफा दे रही ये सरकार, आने-जाने का खर्च भी मिलेगा

इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले किसानों को मुर्गीपालन के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक ट्रेनिंग दी जाती है. छह दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 2000 रुपये तक का वजीफा दिया जाता है. सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने पर किसानों को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी दिया जाता है.

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पोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग पर वजीफा दे रही ये सरकार, आने-जाने का खर्च भी मिलेगापोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग पर स्टाइपेंड दे रही गुजरात सरकार

मुर्गीपालन करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. यह गुजरात के किसानों के लिए खबर है. यहां सरकार मुर्गीपालन की ट्रेनिंग के लिए 2000 रुपये का स्टाइपेंड (वजीफा) दे रही है. छह दिन की ट्रेनिंग के लिए किसानों को यह पैसा दिया जा रहा है. यह सुविधा गुजरात सरकार का कृषि विभाग दे रहा है. इसके लिए पोल्ट्री फार्मिंग ट्रेनिंग स्टाइपेंड प्रोग्राम शुरू किया गया है. इस प्रोग्राम का मकसद समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को मुर्गीपालन की ट्रेनिंग देकर रोजगार के साधन मुहैया कराना है. इस प्रोग्राम में ट्रेनिंग लेने वाले किसानों को स्टाइपेंड दिया जा रहा है.

इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले किसानों को मुर्गीपालन के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक ट्रेनिंग दी जाती है. छह दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 2000 रुपये तक का वजीफा दिया जाता है. सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने पर किसानों को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी दिया जाता है.

कौन ले सकता है ट्रेनिंग

यह ट्रेनिंग प्रोग्राम समाज के कमजोर तबके के लोगों के लिए है. यह प्रोग्राम गुजरात सरकार की ओर से गुजरात के लोगों के लिए शुरू किया गया है. इसमें भाग लेने वाले किसानों को पहले अपनी इनकम का प्रूफ जमा करना होगा. इनकम के आधार पर ही उन्हें स्टाइपेंड प्रोग्राम के लिए चुना जाएगा. प्रोग्राम में महिलाओं और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रोग्राम का मकसद कम आय वाले लोगों को आर्थिक सहायता देना है.

ट्रेनिंग प्रोग्राम का फायदा

इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को छह दिन की ट्रेनिंग के लिए 2000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसमें 300 रुपये प्रति दिन के हिसाब से 6 दिन के लिए 1800 रुपये और साथ में 200 रुपये आने-जाने का खर्च दिया जाएगा. इस तरह ट्रेनिंग में भाग लेने वालों को गुजरात सरकार की ओर से 2000 रुपये दिए जाएंगे. वजीफे की राशि प्रतिभागियों के बैंक खाते में सीधा जमा कराया जाएगा. ट्रेनिंग प्रोग्राम खत्म होने के बाद किसानों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. इससे उन्हें रोजगार मिलने या पोल्ट्री फार्मिंग के लिए लोन लेने में सुविधा रहेगी.

किन कागजातों की होगी जरूरत

इसमें भाग लेने वाले किसान को पहचान पत्र जैसे कि आधार या वोटर आईडी कार्ड देना होगा. इनकम सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है. साथ ही निवास प्रमाण पत्र देना भी जरूरी है. प्रतिभागी चाहे तो बीपीएल कार्ड, जाति प्रमाण पत्र या दिव्यांग सर्टिफिकेट भी दिया जा सकता है. किसान बारकोड राशन कार्ड और बैंक डिटेल्स जैसे कि सेविंग्स बैंक अकाउंट का पासबुक, कैंसिल चेक भी दे सकते हैं.

ऑनलाइन कैसे करें अप्लाई

  • इसके लिए I-Khedut पोर्टल पर जाना होगा.
  • नया आवेदन करने के लिए 'अप्लाई न्यू' पर क्लिक करें.
  • अगर आवेदन में कोई सुधार करना है तो 'अपडेट एप्लिकेशन' ऑप्शन पर जाएं.
  • अगर आवेदन को सेव किया है तो सात दिन के अंदर उसे कंफर्म जरूर करें.
  • साइन किए आवेदन, साथ में सभी कागजात लगाने के बाद पोर्टल पर स्कैन कॉपी को अपलोड करें.
  • कंफर्म आवेदन की प्रिंटेड कॉपी निकालें और उसे संबंधित ऑफिस में जमा कराएं.

 

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