पशुओं के लिए 1 साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा इस पौधे का हरा चारा, केरल KVK ने ईजाद किया तरीका 

पशुओं के लिए 1 साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा इस पौधे का हरा चारा, केरल KVK ने ईजाद किया तरीका 

ICAR के अनुसार केरल के एर्नाकुलम कृषि विज्ञान केंद्र ने अनानास की पत्तियों की हरे चारे के रूप में शेल्फ लाइफ बढ़ाने का तरीका विकसित किया है. दावा है कि 7 से 10 दिन तक ही पशुओं को खिलाने लायक रहने वाले पत्तियों का चारा अब 1 साल तक इस्तेमाल किया जा सकेगा और इसे खिलाने से दुधारू पशुओं की दूध मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी.

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पशुओं के लिए 1 साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा इस पौधे का हरा चारा, केरल KVK ने ईजाद किया तरीका कृषि वैज्ञानिकों ने पत्तियों से बनने वाले हरे चारे की शेल्फ लाइफ 1 साल तक बढ़ाने का तरीका खोजा है.

पशुओं के हरे चारे की किल्लत दूर करने के लिए बड़े स्तर पर अनानास की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व दुधारू पशुओं के लिए दूध मात्रा बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं तो वहीं छोटे पशुओं का तेजी से विकास होता है. लेकिन, अनानास की पत्तियों को हरे चारे के रूप में 7 से 10 दिनों तक ही इस्तेमाल किया जा सकता है, उसके बाद पत्तियां खराब हो जाती हैं और पशुओं को खिलाने लायक नहीं बचती हैं. इस समस्या से केरल के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने निजात दिला दी है. कृषि वैज्ञानिकों ने पत्तियों से बनने वाले हरे चारे की शेल्फ लाइफ 1 साल तक बढ़ाने का तरीका खोज निकाला है. 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार केरल के एर्नाकुलम में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिकों ने अनानास की पत्तियों से बने हरे चारे की शेल्फ लाइफ बढ़ाने का तरीका खोजा है. वैज्ञानिकों के अनुसार हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए एर्नाकुलम जिले में भारी मात्रा में उपलब्ध अनानास के पत्तों का उपयोग किया जाता है. लेकिन, यह पत्तियां 7 से 10 दिन तक ही पशुओं को खिलाने लायक रहती हैं और जल्दी ही खराब हो जाती हैं और इसमें मौजूद पोषक तत्व भी मर जाते हैं. 

टीएमआर विधि से पत्तियां काटकर मिलानी होंगी 

कृषि विज्ञान केंद्र एर्नाकुलम के अनुसार अनानास के पत्तों को हरे चारे के रूप में लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए शेल्फ लाइफ को 7-10 दिनों से बढ़ाकर एक वर्ष तक किया जा सकता है. पत्तियों को हरा चारा बनाने के लिए मिश्रित राशन मशीन (Total Mixed Ration) का इस्तेमाल किया जाता है. ICAR के अनुसार हरा चारा बनाने के दौरान कुछ खास तरह के मिश्रण को मिलाना होता है, जिसके बाद हरे चारे को 1 साल तक की अवधि के लिए संरक्षित करके रखा जा सकता है. 

1 साल तक अनानास हरा चारा संरक्षित करने की प्रक्रिया 

ICAR के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों ने जो मिश्रण बनाया है वह हरे चारे में मिलाना होता है. 1 साल तक अनानास की पत्तियों को हरे चारे के रूप में संरक्षित रखने की प्रक्रिया इस प्रकार है- 

  1. सबसे पहले अनानास की पत्तियों को मिश्रित राशन मशीन (Total Mixed Ration) में हरे चारे के लिए पशु को खिलाने के हिसाब से काटना होता है. 
  2. अब 100 किलोग्राम कटे हुए पत्तों को 2 किलोग्राम गुड़ और 500 ग्राम नमक के साथ मिलाना होता है. 
  3. इसके बाद अच्छी तरह कटे हुए हरे चारे को गुड़ और नमक में मिलाकर एयरटाइट कंटेनर में रखना होता है. 
  4. इस प्रक्रिया के बाद हरे चारे को कंटेनर से 1 साल तक निकाल-निकालकर पशुओं को खिलाया जा सकता है. 

इन पशुओं का आहार बनीं अनानास की पत्तियां  

अनानास के पत्तियों को हरे चारे के रूप में गायों-भैंस, बकरी, ऊंट और प्रॉसेस करके मुर्गियों को दाना बनाकर खिलाया जाता है. अनानास की पत्तियों में फाइबर, विटामिन, कार्बनिक अम्ल, शर्करा और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होती है. इसकी वजह से पशुओं के लिए यह चारा एनर्जी का सोर्स बनने के साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर करता है. 

डेढ़ लीटर तक बढ़ जाएगा पशु का दूध 

कृषि विज्ञान केंद्र एर्नाकुलम के वैज्ञानिकों ने संरक्षित चारे को डेयरी पशुओं के लिए लाभकारी बताया है. दुधारू पशुओं को मिश्रण विधि से संरक्षित अनानास के हरे चारे को घास और सूखे चारे के साथ 5-10 किलोग्राम मिलाकर खिलाने से दूध की पैदावार 1 से 1.5 लीटर तक बढ़ सकती है. जबकि, दूध का फैट 0.3-0.5 फीसदी तक बढ़ सकता है. 

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