बकरी दूध ज्यादा कैसे देगी. बकरी जो दूध दे वो क्वालिटी का हो. हर बकरी पालक की ख्वाहिश होती है कि बकरी का आने वाला बच्चाक हेल्दी हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बकरी के दूध और उसके बच्चे के बारे में जुड़ी ये सारी बातें चारे पर निर्भर करती हैं. गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों के चारे और दाने की मात्रा दूसरी आम बकरियों के मुकाबले ज्यादा होती है. तभी बकरी दूध और बच्चा दोनों अच्छा देती हैं. अगर गर्भवती बकरी को दाना खिलाने में कंजूसी बरती तो इसका असर होने वाले बच्चे और बकरी दोनों पर ही पड़ेगा. इसलिए एक्सपर्ट आम बकरियों से ज्यादा खुराक गर्भवती और दूध देने वाली बकरी की बताते हैं.
गोट एक्सपर्ट की मानें तो बकरियां दूसरे बड़े जानवरों की तरह से एक बार में पेट नहीं भरती हैं. थोड़ा-थोड़ा करके दिन में चार से पांच बार इन्हें खाने के लिए चाहिए होता है. बकरियों का चारा भी तीन तरह का होता है. हरा चारा, सूखा चारा और दाना. लेकिन इस सब के साथ यह ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है कि बकरी जो खा रही है वो ठीक से हजम हो रहा है या नहीं.
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केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा से रिटायर्ड एचए तिवारी ने किसान तक को बताया कि जब बकरी को गर्भवती कराना हो तो उसी के साथ बकरी की खुराक बढ़ा दें. हरा चारा और दाने की मात्रा बढ़ा दें. गर्भवती कराने से दो हफ्ते पहले ही बकरी की सामान्य खुराक 3 किलो दाना प्रतिमाह में 100 से 200 ग्राम दाना और बढ़ा दें. इतना ही नहीं जब बकरी बच्चा देने वाली हो तो उससे एक-दो हफ्ते पहले सामान्य खुराक में दाने की मात्रा 300 से 400 ग्राम तक बढ़ा दें. बकरी को उत्तम किस्म का हरा चारा भी खिलाएं.
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एचए तिवारी की मानें तो दूध देने वाली बकरी को भी ज्यादा खुराक की जरूरत होती है. एक लीटर तक दूध देने वाली बकरी को हर रोज 300 ग्राम तक दाना खिलाना चाहिए. दाना दिन में कम से कम दो बार में दें. साथ ही दिनभर में हरा और सूखा चारा मिलाकर करीब 4 किलो वजन तक खाने को दें. सामान्य मौसम में 20 किलो वजन की बकरी को 700 एमएल तक पानी पिलाना चाहिए. वहीं गर्मी के मौसम में यह मात्रा डेढ़ गुनी कर देनी चाहिए.
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