Green Fodder: पशुओं को दलहनी चारा खिला रहे हैं तो इस बात का रखें खास ख्याल

Green Fodder: पशुओं को दलहनी चारा खिला रहे हैं तो इस बात का रखें खास ख्याल

दलहनी हरा चारा खाने से पशु क्वालिटी का दूध तो देते ही हैं, साथ में उनकी हैल्थ भी बनती है. एनिमल एक्सपर्ट भी दलहनी रसदार हरा चारा खिलाने की सलाह देते हैं. लेकिन कुछ पशुपालक भाई-बहिन दाना के मुकाबले में दलहनी हरा चारा ज्यादा खिलाने लगते हैं. इसके चलते पशुओं को पेट संबंधी कई तरह की बीमारी हो जाती है. हालांकि इसका इलाज घर में ही संभव है. 

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Green Fodder: पशुओं को दलहनी चारा खिला रहे हैं तो इस बात का रखें खास ख्यालएक बार लगाएं और चार साल तक काटें

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो जुगाली करने वाले सभी छोटे-बड़े पशुओं के लिए हरा चारा बहुत जरूरी है. खास बात ये है कि हर मौसम का हरा चारा पशुओं में बहुत सारे मिनरल्स की कमी को पूरा करता है. यहां तक की गर्मियों में पानी की कमी को भी हरा चारा काफी हद तक पूरा करता है. हालांकि मिनरल मिक्चर (दाना) और सूखा चारा भी पशुओं के लिए उतना ही जरूरी है, लेकिन हर किसी की मात्रा तय है. अगर उससे ज्यादा या कम पशुओं को खिलाया तो उसके नुकसान भी सामने आते हैं. 

इस खबर में हम आपको ऐसे ही हरे दलहनी चारे के बारे में बताने जा रहे हैं. एनिमल एक्सापर्ट की मानें तो सीजन में ज्यांदा हरा चारा होने पर पशुपालक मिनरल्सा और सूखे चारे की कमी कर जयादा से ज्याेदा दलहनी चारा पशुओं को खिलाने लगते हैं. हालांकि ऐसा करने से पशुओं को पेट की परेशानी अफरा होने लगती है. 

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ज्यादा हरे चारे से पशु को अफरा हो तो ऐसे करें इलाज 

एनिमल एक्सपर्ट निर्वेश शर्मा का कहना है कि पशु कौनसा है और उसकी उम्र कितनी है, ये सब बातें देखने के बाद ही उसे हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दिया जाता है. इसलिए दाने की जगह दलहनी हरा चारा खिलाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें की उसकी मात्रा ज्यादा ना हो जाए. अगर ज्याादा हरा चारा खाने से पशु को दस्त हो जाएं तो फौरन ही डाक्टर की सलाह लें. पेट में अफरा हो तो बड़े पशु को 500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम तारपीन का तेल मिलाकर पिलाएं. लेकिन, अगर दलहनी हरा चारा थोड़ा सुखाकर खिलाया जाए तो वो नुकसान नहीं करेगा. 

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हरा चारा ज्यादा है तो उसमे सूखा चारा मिला लें 

डेयरी एक्सपर्ट चरन जीत सिंह ने किसान तक को बताया कि हरे चारे में नमी की मात्रा काफी होती है. पशु जब इस दौरान हरा चारा ज्यादा खाता है तो उसे डायरिया समेत और भी दूसरी बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं उस चारे में मौजूद नमी के चलते ही दूध की क्वालिटी पर भी असर आ जाता है. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि जब हमारा पशु हरा चारा खा रहा हो या बाहर चरने के लिए जा रहा हो तो हम पहले उसे सूखा चारा और थोड़ा बहुत मिनरल्स जरूर दें. सूखा चारा खूब खिलाने से हरे चारे में मौजूद नमी का स्तर सामान्य हो जाता है. वहीं मिनरल्स देने से दूध में फैट और दूसरी चीजों का स्तर भी बढ़ जाता है और दूध की क्वा‍लिटी खराब नहीं होती है. 

 

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