उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश को संरक्षण का काम 2017 से कर रही है. प्रदेश में निराश्रित गोवंश किसानों की फसलों के लिए तो एक बड़ी समस्या बन चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर घूम रहे यह पशु हादसों को भी दावत दे रहे हैं. फिलहाल पशुपालन विभाग पूरे प्रदेश में 6781 गो आश्रय स्थल स्थापित कर चुका है जिसमें 1168875 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. इसके बावजूद भी अभी पूरे प्रदेश में निराश्रित गोवंश सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित भी किया है कि जल्द से जल्द सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं (Stray animals) को गो आश्रय स्थल तक पहुंचाया जाए. प्रदेश में 68 नवीन गांव आश्रय स्थलों का भी निर्माण किया गया है जिसमें 37000 गोवंश संरक्षित किए गए हैं.
प्रदेश के सभी जिलों में छुट्टा पशुओं के सड़कों पर घूमने के चलते हर रोज हादसे हो रहे हैं . इन हादसों में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. राजधानी लखनऊ से गुजरने वाले राजमार्गों पर भी बड़ी संख्या में यह छुट्टा पशु घूमते हुए दिखाई पड़ते हैं जबकि इन्हीं रास्तों से हर रोज अधिकारियों का भी आना जाना लगा रहता है . इसके बावजूद भी इन छुट्टा पशुओं को संरक्षित गौशालाओं तक नहीं पहुंचाया जा सका है.
ये भी पढ़ें :पंजाब में 10 कीटनाशकों पर बैन...दुनिया के कई देशों से इसका कनेक्शन, भारत को 4 हजार करोड़ का फायदा!
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में छुट्टा पशुओं की समस्या विकराल होती जा रही है. इन पशुओं से किसानों को अपनी फसलों को बचाना मुश्किल हो रहा है. छुट्टा पशुओं के हमलों से अक्सर किसानों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. ऐसा ही एक मामला संभल जिले का सामने आया है जहां पर सांड के हमले से किसान की मौत हो गई है. किसान रामचरण सैनी अपने खेत के पास ही रखवाली कर रहे थे. इसी दौरान सामने उन पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई. यह कोई अकेली घटना नहीं है बल्कि छुट्टा पशुओं के हमलों से पूरे प्रदेश में हर साल कई मौतें हो चुकी है . संभल में ही 1 महीने के भीतर सांड के हमले से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चंद का कहना है की टीम को भेजकर सांड को पकड़ वाया जा चुका है. उसे अस्थाई गो आश्रय स्थल में रखा गया है.
ये भी पढ़ें : Spices Mandi Rate: सब्जी के बाद मसाले भी हुए लाल, अब जीरे और गर्म मसाले का बढ़ा दाम, जानें लखनऊ का रेट
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today