केरल में बर्ड फ्लू (bird flu) का संक्रमण फैलने की खबर है. यहां कोट्टायम जिले के दो पंचायतों अपूकारा और थलायाझम में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इन दोनों जिलों में 8000 बत्तख और मुर्गियों को मारने का आदेश दिया है. प्रभावित इलाके के एक किलोमीटर के दायरे में इस तरह के पक्षियों को मारने का निर्देश दिया गया है. जिला कलेक्टर पीके जयश्री ने कलेक्ट्रेट में इस बाबत एक इमरजेंसी बैठक की और जरूरी निर्देश दिए.
पीके जयश्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी जाए. स्थानीय एनिमल वेलफेयर डिपार्टमेंट को निर्देश दिया गया कि संक्रमित जगहों को तुरंत साफ-सफाई कराई जाए और संक्रमण रोकथाम के उपाय किए जाएं.
इस निर्देश के बाद कोट्टायम के पोल्ट्री किसानों में हड़कंप है क्योंकि उन्हें लगता है कि संक्रमण (bird flu) रोकथाम के चलते मुर्गियों को मारा जाएगा जबकि आगे क्रिसमस और नए साल का सीजन शुरू होने वाला है. जिला प्रशासन ने बर्ड फ्लू के H5N1 वायरस की पुष्टि कर दी है जिसके बाद पूरे इलाके में एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. बर्ड फ्लू के एवियन इंफ्लूएंजा वायरस की टेस्टिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज, भोपाल में की गई है.
अच्छी बात ये है कि अभी वर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि केवल कोट्टायम जिले में की गई है. केरल के अन्य हिस्सों में किसी संक्रमण की खबर नहीं है. प्रशासन ने प्रभावित इलाकों के 10 किमी के दायरे में किसी तरह के पोल्ट्री को ले जाने या ले आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इसके अलावा पोल्ट्री (bird flu) और अंडा मार्केट को बंद करने का आदेश दिया गया है. मुर्गियों को बाड़े से बाहर निकालने पर भी रोक है.
पोल्ट्री पालन करने वाले किसानों का कहना है कि एवियन इंफ्लूएंजा की पुष्टि होने से पूरे कुट्टनाड क्षेत्र में पोल्ट्री और अंडा के बिजनेस पर असर पड़ेगा. कुछ साल से अलपुझा और कोट्टायम जिले में सर्दी के मौसम में बर्ड फ्लू (bird flu) की शिकायतें आम हो गई हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस क्षेत्र में सर्दियों में विदेशी पक्षी आते हैं. संक्रमण फैलने के बाद इस पूरे इलाके में मुर्गियों और बत्तखों को मारने का आदेश दिया गया है.
निर्देश के मुताबिक, संक्रमित इलाके के 10 किमी के दायरे में स्थित 19 सरकारी निकायों के क्षेत्र में अगर किसी भी चिकन, बत्तख या अन्य पालतू पक्षी की मौत होती है, तो प्रशासन को फौरन इसकी जानकारी दी जानी चाहिए. इसकी सूचना नजदीकी वेटनरी अस्पताल में भी दी जा सकती है. जिलाधिकारी ने पशु संरक्षण विभाग, स्थानीय निकाय, राजस्व, पुलिस, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और दमकल विभाग की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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