Dairy-Fisheries: 100 दिन की कामयाबी पर बोले डेयरी मंत्री, भारत से पनीर खरीदेगा ऑस्ट्रेलिया

Dairy-Fisheries: 100 दिन की कामयाबी पर बोले डेयरी मंत्री, भारत से पनीर खरीदेगा ऑस्ट्रेलिया

देश की जीडीपी में डेयरी और फिशरीज सेक्टर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. पशुधन क्षेत्र का उत्पादन 17 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. इसमे दूध का अकेले 11 लाख करोड़ का योगदान है. मछली का उत्पादन भी 175 लाख टन हो गया है. देश का पशुपालन 10 करोड़ लोगों रोजी-रोटी में मदद कर रहा है. 

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Dairy-Fisheries: 100 दिन की कामयाबी पर बोले डेयरी मंत्री, भारत से पनीर खरीदेगा ऑस्ट्रेलियाडेयरी, फ‍िशरीज की 100 दिन की कामयाबी बताते हुए केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन.

केन्द्र सरकार ने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर 100 दिन की कामयाबी बताते हुए केन्द्रीय मत्स्य, डेयरी और पशुपालन मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि फिशरीज ही नहीं डेयरी सेक्टर में भी कुछ ऐसे काम हुए हैं और हो रहे हैं जो आगे चलकर मील का पत्थर साबित होंगे. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत दूध उत्पादन में नंबर वन है और ऑस्ट्रेलिया भारत से पनीर खरीदना चाहता है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने मुलाकात कर अपनी ये इच्छा जताई थी. 

आगे भी इसी तरह की कामयाबी के और रास्ते खुलेंगे. इसके लिए हम लगातार सेक्स सॉर्टेड सीमेन और आईवीएफ तकनीक पर काम कर रहे हैं. फिशरीज की बात करें तो 2025 तक 45 लाख टन उत्पादन और बढ़ाने का लक्ष्य है. वहीं प्रति व्यक्ति सालाना मछली की खपत 12 किलो का लक्ष्य रखा गया है. 

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ये हैं मछली पालन विभाग की कामयाबी 

  • भारत सरकार ने फरवरी, 2019 में अलग मत्स्य पालन विभाग बनाया.
  • जून, 2019 में एक नए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का गठन किया गया.
  • भारत सरकार ने मत्स्य विभाग में अब तक प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PM–MKSSY) योजनाओं को 38.57 हजार करोड़ रुपये दिए हैं. 
  • बीते नौ साल में भारत का सालाना मछली उत्पादन 95.79 लाख टन (2013-14) से बढ़कर 175.45 लाख टन (2022-23) पर पहुंच गया है. 
  • सीफूड एक्सपोर्ट साल 2013-14 में 30,213 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 60 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हो गया है.
  • घरेलू मछली की खपत साल 2013-14 में पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति से बढ़कर 13 किलोग्राम हो गई है. 
  • भारत सरकार ने साल 2018-19 से मछुआरों और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सुविधा प्रदान की है.
  • पिछले 10 साल में भारत सरकार ने 9532 करोड़ रुपये से 66 फिश हॉर्बर और 50 फिश लैंडिंग सेंटर के निर्माण और आधुनिकीकरण को मंजूरी दी है.
  • समुद्री शैवाल की खेती की करने के लिए भारत सरकार ने 127 करोड़ रुपये दिए हैं. 
  • पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 6694 मत्स्य कियोस्क, 1091 मत्स्य फीड मिल, कोल्ड स्टोरेज आदि को मंजूरी दी है. 
  • छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए, आइस बॉक्स के साथ मोटरसाइकिल, साइकिल, ऑटो रिक्शा, रेफ्रिजरेटेड और इंसुलेटेड ट्रक और लाईव फिश वेंडिंग सेंटर की मंजूरी दी है. 
  • दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी विकलांगता के लिए पांच लाख रुपये से लेकर 25 हजार रुपये का बीमा दिया जा रहा है. 
  • भारत सरकार ने PMMSY के तहत न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के माध्यम से एक लाख फिशिंग वेसल्स पर उपग्रह-आधारित वेसेल कम्यूनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम लगाने को 364 करोड़ रुपये मंजूर किए.
  • सागर परिक्रमा यात्रा मछुआरों तक पहुंचने का एक अनूठा कार्यक्रम मार्च 2022 से गुजरात से पश्चिम बंगाल तक चलाया जा रहा है.

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ये हैं पशुपालन सेक्टर की कामयाबी

  1. दूध उत्पादन साल 2014-15 के 14.6 करोड़ टन से बढ़कर साल 2022-23 में 23 करोड़ टन हो गया है.
  2. साल 2022-23 में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन है, जबकि इसी साल विश्व औसत 325 ग्राम प्रतिदिन है.
  3. देश में अंडे का उत्पादन 20014-15 में 78 हजार करोड़ अंडों से बढ़कर 13.8 हजार करोड़ अंडों पर पहुंच गया है.
  4. देश में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता  साल 2014-15 में 62 अंडे से बढ़कर 2022-23 में 101 अंडे हो गई. 
  5. बीते नौ साल में गोपशुओं और भैंसों की औसत उत्पादकता साल 2013-14 के दौरान 1648.17 किलोग्राम प्रति पशु से 2021-22 में 2079 किलोग्राम हो गई है. 
  6. देश में पहली बार किसानों के दरवाजे पर कृत्रिम गर्भाधान की सेवाएं मुफ्त में दी जा रही हैं. 
  7. देश में पहली बार बोवाईन आईवीएफ को बढ़ावा दिया गया है. 
  8. देश में 22 आईवीएफ और ईटी लैब परिचालित किया गया है।
  9. देश में 90 फीसद बछड़ियों के उत्पादन के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन इस्तेमाल किया जा रहा है. 
  10. डीएनए आधारित चयन के लिए जीनोमिक चिप विकसित की गई है.
  11. किसानों के दरवाजे पर प्रजनन इनपुट देने के लिए ग्रामीण भारत में तीन साल में 38736 तकनीशियनों (मैत्री) को शामिल किया गया है. 
  12. खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्टे डेस पेटिट्स रोमिनेंट्स (पीपीआर) और क्लासिकल स्वाइन ज्वर (सीएसएफ) के लिए 85 करोड़ टीकाकरण किया गया है. 
  13. पहली बार भारत सरकार देश के 27 राज्यों में 3165 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) की स्थापना कर रही है. 

 

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