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राजस्थान: पशुपालकों के लिए खुशखबरी, उदयपुर एवं राजसमंद में बनेंगे कैटल फीड प्लांट

राजस्थान: पशुपालकों के लिए खुशखबरी, उदयपुर एवं राजसमंद में बनेंगे कैटल फीड प्लांट

राजस्थान के पशुपालकों के लिए दो बड़ी खबरें हैं. पहली, दक्षिणी राजस्थान के दो बड़े जिले उदयपुर और राजसमंद में राज्य सरकार कैटल फीड (पशु आहार) प्लांट लगाने जा रही है. इसकी मंजूरी मुख्यमंत्री स्तर से मिल चुकी है. प्लांट की स्थापना पर जल्दी ही काम शुरू होगा. वहीं, दूसरी खबर भी पशु पालकों से जुड़ी है. राज्य सरकार जल्द ही 900 ग्राम पंचायतों पर पशु चिकित्सा उप-केन्द्र खोलेगी. इसकी मंजूरी भी सीएम स्तर से मिल चुकी है.

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राजस्थान में दो कैटल फीड प्लांट और 900 पशु उप- चिकित्सा केन्द्र खोले जाएंगे. राजस्थान में दो कैटल फीड प्लांट और 900 पशु उप- चिकित्सा केन्द्र खोले जाएंगे.

राजस्थान के पशुपालकों के लिए दो बड़ी खबरें हैं. पहली, दक्षिणी राजस्थान के दो बड़े जिले उदयपुर और राजसमंद में राज्य सरकार कैटल फीड (पशु आहार) प्लांट लगाने जा रही है. इसकी मंजूरी मुख्यमंत्री स्तर से मिल चुकी है. प्लांट की स्थापना पर जल्दी ही काम शुरू होगा. वहीं, दूसरी खबर भी पशु पालकों से जुड़ी है. राज्य सरकार जल्द ही 900 ग्राम पंचायतों पर पशु चिकित्सा उप-केन्द्र खोलेगी. इसकी मंजूरी भी सीएम स्तर से मिल चुकी है.

डीएमएफटी फंड से बनेंगे कैटल फीड प्लांट

बता दें कि इससे पहले राजफैड ने जयपुर के झोटवाड़ा में भी नया पशु आहार प्लांट लगाने की घोषणा की थी. नए पशु आहार केन्द्र उदयपुर और राजसमंद जिले के नाथद्वारा में लगाए जा रहे हैं. इनकी स्थापना से इन जिलों के पशु पालकों को अच्छी क्वालिटी का पशु आहार आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. राजफैड से मिली जानकारी के अनुसार प्लांट की स्थापना के लिए फंड डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के माध्यम से किया जाएगा. कैटल फीड प्लांट की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में घोषणा की थी. 

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जयपुर में भी बन रहा 100 मीट्रिक टन क्षमता का फीड प्लांट

इसी महीने पांच मार्च को सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने जयपुर के झोटवाड़ा स्थित पशु आहार प्लांट का निरीक्षण किया था. इस दौरान यहां 100 मीट्रिक टन क्षमता का पशु आहार प्लांट लगाने के लिए गुहा ने कहा था. क्योंकि झोटवाड़ा इंड्रस्ट्रियल एरिया में स्थित राजफैड का पशुआहार प्लांट काफी पुराना हो चुका है. यह साल 1971 में स्थापित किया गया था. इसीलिए नए प्लांट में नई तकनीकी का उपयोग किया जाएगा.

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पशु चिकित्सा उप-केन्द्रों के लिए 1800 पदों का सृजन

प्रदेश की 900 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उप-केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति मिल चुकी है. इन केन्द्रों के संचालन के लिए 1800 पशुधन सहायक और जलधारी पदों पर भर्ती की जानी है. इससे प्रत्येक उप केंद्र में एक पशुधन सहायक और एक जलधारी का नवीन पद (कुल 1800 पद) सृजित होगा. गहलोत के इस निर्णय से पशुपालकों को पशुओं से संबंधित बीमारियों की जांच तथा उपचार की बेहतर सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही मिल सकेंगी.

तीन चरणों में खुलेंगे उप केंद्र

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा  2023-24 के बजट में नवगठित 1200 ग्राम पंचायतों और पशु चिकित्सा संस्था विहीन पुरानी 1439 ग्राम पंचायतों में उप केन्द्र खोले जाने के लिए घोषणा की गई थी. इस घोषणा की क्रियान्विति में अब वर्ष 2023-24 में 900, वर्ष 2024-25 में 900 और वर्ष 2025-26 में 839 पशु चिकित्सा उप केंद्र खोले जाने हैं. 

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