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खुशखबरी! ये राज्य सरकार हर साल 25 पशुपालकों को व‍िदेश यात्रा पर भेजेगी

खुशखबरी! ये राज्य सरकार हर साल 25 पशुपालकों को व‍िदेश यात्रा पर भेजेगी

पशुपालन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को प्रदेश के 415 पशुपालकों को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों को राज्य, जिला और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित किया गया है. इस मौके पर सीएम गहलोत ने कहा कि पशुपालक राज्य के आर्थिक विकास की अहम कड़ी हैं.

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राजस्थान में पशुपालन में श्रेष्ठ काम करने वाले 415 पशुपालकों को सीएम गहलोत ने सम्मानित किया. राजस्थान में पशुपालन में श्रेष्ठ काम करने वाले 415 पशुपालकों को सीएम गहलोत ने सम्मानित किया.

राजस्थान सरकार ने बीते द‍िनों पशुपालन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम करने प्रदेश के 415 पशुपालकों को सम्मानित किया. पशुपालकों को राज्य, जिला और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित किया गया है. इस मौके पर सीएम गहलोत ने कहा कि पशुपालक राज्य के आर्थिक विकास की अहम कड़ी हैं. राज्य सरकार पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित चला रही है. इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान पूरे देश में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है. पूरे देश के 15.05 प्रतिशत दूध का उत्पादन राजस्थान में हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब राजस्थान से हर साल 25 पशुपालक विदेश यात्रा पर भी भेजे जाएंगे ताकि वे वहां के पशुपालन क्षेत्र को भी समझ सकें. 

पशुपालकों को 50 हजार भी रुपये दिए गए

मुख्यमंत्री ने पशुपालक सम्मान समारोह योजना के तहत पशुपालन में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया. इसमें राज्य स्तर पर सम्मानित सुरेन्द्र अवाना एवं प्रेम सिंह राव को 50-50 हजार रुपये, जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली सात महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को 25-25 हजार रुपये और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 18 महिला पशुपालकों सहित 345 पशुपालकों को 10-10 हजार प्रोत्साहन स्वरुप दिए गए. कुल 415 प्रगतिशील पशुपालकों को 52.50 लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई.

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इस मौके पर प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि चार साल में पशुपालन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हुए हैं. फसल बीमा योजना के तहत 18.5 हजार करोड़ का फसल बीमा वितरित कर राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर है. ऊंट संरक्षण के लिए ऊंट पालकों को पांच हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है.

1189 पंचायतों में खोले गए पशु चिकित्सा उपकेन्द्र 

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में 1189 ग्राम पंचायतों में नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा चार नये पशु चिकित्सालय खोले गए हैं. 2639 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोलने की घोषणा की जा चुकी है. इससे पशुपालक अपने पशुओं का स्थानीय स्तर पर ही उपचार करा सकेंगे. इसके अलावा राज्य सरकार पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान भी दे रही है.

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उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लंपी रोग से दुधारू पशु की मृत्यु पर पशुपालकों को प्रति गाय 40 हजार रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है.पशुपालकों के दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा, जिससे दुधारू पशुओं की असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल सकेगा. सीएम ने कहा कि हमारे इस कार्यकाल में 42 कृषि कॉलेज और जोबनेर में वेटनरी यूनिवर्सिटी खोली गई है. 

गौशालाओं को मिला 2313 करोड़ का अनुदान

गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को 9 महीने अनुदान देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है. ब तक 2313 करोड़ रुपए का अनुदान गौशालाओं को दिया जा चुका है. राज्य सरकार द्वारा नंदीशालाओं तथा गौशालाओं में अपाहिज गौवंश को 12 महीने अनुदान दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है. गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक  करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है.

मालपुरा में डेयरी संयंत्र का वीसी के माध्यम से किया लोकार्पण

सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने 12 करोड़ रुपए की लागत से बने टोंक दुग्ध उत्पादक संघ के नए डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया. मालपुरा में नया संयंत्र शुरू होने से टोंक जिले के लगभग 20 से 25 हजार अतिरिक्त पशुपालकों को लाभ मिलेगा. साथ ही इससे आमजन को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता के दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा.इसके अलावा सीएम ने पशुपालन सम्मान योजना की निर्देशिका का विमोचन किया.

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