मां मवेशियों की हो या फिर इंसानों की मां तो मां होती है. मां की ममता का वर्णन कहीं नहीं किया जा सकता है. तभी तो मां का दूध अमृत समान होता है. मां के दूध में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. कहते हैं गाय अगर अपने बच्चों को पेट भर दूध ना पीला लें तब तक वो दूसरों को दूध निकालने नहीं देती हैं. यह मां की ममता का एक उदाहरण है. इसी बहाने मवेशियों में मां और बेटे के बीच ममत्व की फोटो यात्रा करते हैं. देखते हैं कि कैसे बकरी, ऊंट और गाय अपने बच्चों को स्तन पान कराती हैं.
इंसान हो जा जानवर हर किसी में मां की ममता एक समान होती है. जिस प्रकार इंसनों को अपने बच्चों से लगाव होता है, उसी प्रकार जानवरों को भी अपने बच्चों से उतना ही प्यार होता है. इस तस्वीर में ऊंटनी अपने बच्चे को स्तन पान करवा रही है, जो बताने के लिए काफी है कि मां का दूध अमृत समान है.
बकरी का कद और आकार अन्य मवेशियों की तुलना में बेशक छोटा हो सकता है. लेकिन, अपने बच्चों के लिए बकरी की ममता, अन्य विशाल मवेशियों के बराबर ही होती है. खैर ये बात दूसरी है कि बकरी के दूध की मांग बाजार में बहुत है. लेकिन, ये भी सच है कि बकरी के दूध पर पहला अधिकार बकरी के बच्चों का ही होता है. इस तस्वीर में आप देख ही रहे हैं कि कैसे एक बकरी अपने बच्चे को दूध पिला रही है.
गाय अपना दूध ना सिर्फ अपने बच्चों को पिलाती है बल्कि इंसानों के बच्चों की भूख भी गाय का दूध मिटाता है. तो वहीं गाय के दूध से बच्चों समेत बड़ों को कई पोषक तत्व मिलते हैं. इसलिए तो हिन्दू संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है.
बकरी के बच्चे थोड़े बड़े हो जाएं तो भी उन्हें मां के दूध की लालसा बनी रहती है. मां भी कभी उन्हें दूध पिलाने से मना नहीं करती. इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि बकरी का बच्चा अब थोड़ा बड़ा हो गया है. लेकिन, फिर भी वह मां का दूध खोज रहा है.
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