बिहार के प्रखंड और पंचायतों में बनेगा 30-30 मछ्ली बाजार, मत्स्य उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

बिहार के प्रखंड और पंचायतों में बनेगा 30-30 मछ्ली बाजार, मत्स्य उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

बिहार सरकार ने सड़क किनारे मछ्ली बेचने वाले मछुआरों को किट और साईकिल-सह-आईस बॉक्स का वितरण किया. वहीं आने वाले दिनों में राज्य के तीस प्रखंड और तीस पंचायत में मछली बाजार का निर्माण किया जाएगा. इससे मछली बाजार को बढ़ावा मिलेगा.

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बिहार के प्रखंड और पंचायतों में बनेगा 30-30 मछ्ली बाजार, मत्स्य उद्योग को मिलेगा बढ़ावा बिहार के प्रखंड और पंचायत में बनेगा 60 मछ्ली बाजार.फोटो -किसान तक

मछली पालन इन दिनों बिहार जैसे राज्यों के लिए रोजगार और जीविकोपार्जन का मुख्य माध्यम बन चुका है. आज शहरों से लेकर गांव तक हर कोई इसके अलग-अलग माध्यमों से जुड़कर अपनी आर्थिक गाड़ी को आगे बढ़ा रहा है. वहीं इस क्षेत्र में सबसे निचले पायदान पर सड़क के किनारे मछली बेचने वाले कृषक भी हैं. कृषकों के लिए बिहार सरकार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा मछलियों को उपभोक्ताओं और बाजार तक पहुंचाने में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो, इसकी कोशिश हो रही है. इस समस्या के निजात के लिए  मंगलवार को विभाग के मंत्री मो. आफाक आलम, मुख्य सचिव निशात अहमद और पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव डॉ एन. विजयलक्ष्मी के द्वारा मछली व्यापार के लिए किट और साइकिल-सह-आईस बॉक्स का वितरण किया गया.

इस मौके पर विभाग के मंत्री मो. आफाक आलम ने कहा कि किट वितरण होने से अब लोगों को ताजी मछली आसानी से मिलेगी. इसके साथ ही रोजगार का बेहतर मार्ग तैयार होगा. वहीं मुख्य सचिव निशात अहमद ने बताया कि आने वाले दिनों में राज्य के तीस प्रखंड और तीस पंचायतों में मछली बाजार का निर्माण किया जाएगा. बता दें कि मात्स्यिकी विकास और कल्याणकारी योजना के तहत पटना जिले के 60 मछुआरों को किट और 25 मछुआरों को साइकिल-सह-आईस बॉक्स का वितरण किया गया. वहीं मछुआरों का कहना है कि सरकार उन्हें मछली बेचने के लिए एक दुकान की व्यवस्था करे, तब इस किट का सही तरीके से उपयोग हो पाएगा.  

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राज्य के मछुआरों को मिलेगा योजना का लाभ

पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो. आफाक आलम ने कहा कि इस योजना का लाभ सभी जरूरतमंद लोगों को दिया जाएगा ताकि वे इस सुविधा के जरिये अच्छी कमाई कर सकें. इस दौरान विभाग की सचिव डॉ एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है. अब दूसरे राज्य सहित नेपाल में मछली भेजी जा रही है. अभी तक हम मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे. अब इसके लिए बेहतर बाजार के क्षेत्र में काम करना है ताकि बिहार की मछली दूसरे राज्यों में जा सके. इसके साथ ही पोल्ट्री, अंडा, बकरी, मछली के क्षेत्र को किस तरह विकसित किया जाए, इसको लेकर बेहतर पॉलिसी बनाई जा रही है. साथ ही अब इस क्षेत्र में एफपीओ को जोड़ने की योजना है.

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मछली बेचने वालों ने कहा, दुकान की है जरूरत

किसान तक से बातचीत करते हुए रूपेश कुमार, सोना देवी, उषा देवी कहती हैं कि वे पिछले कई सालों से सड़क के किनारे मछली बेच रही हैं. लेकिन अभी तक सरकार के द्वारा कोई मदद नहीं मिली है. पहली बार उन्हें इस तरह का किट मिला है. सरकार मछली बेचने के लिए दुकान की व्यवस्था कर दे तो मछली बेचने में अधिक सुविधा होगी. सड़क के किनारे आज दुकान है, कल नहीं रहेगी. कभी पुलिस तो कभी पटना नगर निगम परेशान करते रहते हैं. 

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