Success Story: इस फूल की खेती ने बदली किसान की किस्मत, रोज हो रही 30 हजार की इनकम

Success Story: इस फूल की खेती ने बदली किसान की किस्मत, रोज हो रही 30 हजार की इनकम

हरियाणा में किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों की ही खेती नहीं, बल्कि बागवानी में भी दिलचस्पी ले रहे हैं. राज्य में कई ऐसे किसान आपको मिल जाएंगे, जो फूल की खेती से रोज हजारों रुपये की कमाई कर रहे हैं. खास बात यह है कि इन किसानों को सरकार की तरफ से प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

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Success Story: इस फूल की खेती ने बदली किसान की किस्मत, रोज हो रही 30 हजार की इनकमहरियाणा में रजनीगंधा की खेती. (सांकेतिक फोटो)

लोगों को लगता है कि हरियाणा में किसान सिर्फ गेहूं, धान और सरसों की ही खेती करते हैं, लेकिन ऐसी बात नहीं है. यहां के किसान अब दूसरे राज्यों के किसानों की तरह बागवानी में भी दिलचस्पी ले रहे हैं. राज्य में आपको हजारों ऐसे किसान मिल जाएंगे, जो बागवानी से मोटी कमाई कर रहे हैं. लेकिन आज हम एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे जो पहले पारंपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन अब फूल उगा रहे हैं. इससे उनकी कमाई बढ़ गई है. खास बात यह है कि अब आसपास के गांव के लोग भी इस किसान से फूलों की खेती करने की बारीकी सीख रहे हैं.

दरअसल, हम जिस किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं उनका नाम प्रदीप सैनी है. वे फरीदाबाद जिला के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि पहले वे गांव में अपनी पुश्तैनी जमीन पर धान- गेहूं की खेती करते थे. लेकिन लागत के मुकाबले उतना अधिक फायदा नहीं होता था. ऐसे में उन्होंने रजनीगंधा फूल की खेती करने का फैसला किया. खास बात यह है कि प्रदीप सैनी को फूल की खेती करने से राज्य सरकार की तरफ से भी प्रोत्साहन मिल रहा है. उन्हें उद्यान विभाग से फूल की खेती करने के लिए अच्छी- खासी सब्सिडी मिल जाती है.

थाईलैंड में भी इसकी सप्लाई होती है

प्रदीप सैनी का परिवार साल 1983 से रजनीगंधा की खेती कर रहा है. लेकिन, सरकार से अनुदान मिलने की वजह से मुनाफा बढ़ गया है. वे रोज गाजीपुर मंडी में फूल बेच कर 20 से 30 हजार रुपये कमा लेते हैं. इस तरह हर महीने वे 9 लाख रुपये के करीब कमाई कर लेते हैं. उनकी माने तो धान- गेहूं की खेती में रोज कमाई नहीं होती है. सीजन में सिर्फ एक ही बार पैसा आता है. ऐसे प्रदीप सैनी के गांव में 250 ऐसे किसान हैं, जो रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं. सभी लोग फूल बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इन किसानों को सरकार फूल की खेती करने के लिए 24 हजार रुपये प्रति किला सब्सिडी देती है. रजनीगंधा की डिमांड मार्केट में सालोभर रहती है. इससे दवाइयां और इत्र बनाए जाते हैं. वहीं, भारत से थाईलैंड में भी इसकी सप्लाई होती है.

रजनीगंधा की खेती करने की ट्रेनिंग 

हरियाणा में सरकार किसानों को रजनीगंधा की खेती करने की ट्रेनिंग भी देती है. अगर आप रजनीगंधा की खेती करना चाहते हैं, किसी भी तरह की जलवायु में इसे उगा सकते हैं. लेकिन इसके खेत में जल निकाली की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. अगर जल निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं होगी, तो फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए किसान रजनीगंधा की खेती दलदली और असिंचित भूमि में नहीं करें.

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