मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि जोधपुर, अजमेर, कोटा और जयपुर सहित राजस्थान के कई हिस्सों में नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 48 घंटों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार 1 मार्च से एक और तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पश्चिमी राजस्थान और आसपास के इलाकों में एक सर्कुलेशन सिस्टम बनने की संभावना है.
इसके प्रभाव से 1 और 2 मार्च को जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मेघगर्जन, बिजली गिरने, 30-40 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं/तूफान आने और बारिश होने की संभावना है.
उधर मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 25 फरवरी से 1 मार्च तक ऊंची पहाड़ियों में कई स्थानों पर बर्फबारी की भविष्यवाणी की है. इसने 26, 27 और 29 फरवरी को मध्य पहाड़ियों में कुछ स्थानों पर और 1 मार्च को कई अन्य स्थानों पर बारिश की भी भविष्यवाणी की है. ताजा पश्चिमी विक्षोभ के सोमवार से हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है.
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शिमला मौसम कार्यालय ने 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है, जिसमें 27, 29 फरवरी और 1 और 2 मार्च को अलग-अलग स्थानों पर तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है. हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम के दौरान 1 जनवरी से 25 फरवरी तक सामान्य 172.2 मिमी की तुलना में 106.2 सेमी बारिश हुई, जो 38 प्रतिशत की कमी है.
दिल्ली के बारे में मौसम विभाग ने कहा है कि मार्च की शुरुआत भी हल्की-फुल्की बारिश के साथ होगी. साथ ही पहाड़ी इलाकों में 3 मार्च तक लगातार बर्फबारी होगी जिसका मजा सैलानी उठा सकते हैं. मार्च की शुरुआत में भी एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा. इसी वजह से मौसम में बदलाव रहेगा. कुछ राज्यों में तापमान भी नीचे जाएगा जिनमें उत्तर भारत के हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर शमिल हैं.
मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिनों में बारिश हो सकती है. छत्तीसगढ़ से लेकर कर्नाटक तक एक ट्रफ लाइन दिख रही है, साथ ही इस पूरे इलाके में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जाएगा. इस ट्रफ लाइन के चलते मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों जैसे अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मांडला और बालाघाट में बारिश के साथ ओलावृष्टि और बिजली चमकने की घटना देख सकते हैं. यह जानकारी आईएमडी भोपाल के मौसम वैज्ञानिक परमेंद्र कुमार ने दी.
भोपाल मौसम विभाग ने कहा है कि भोपाल में अगले कुछ दिनों तक तापमान स्थिर रहेगा, हालांकि न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट आ सकती है. अगले तीन-चार दिन तक मौसम सामान्य बने रहने की उम्मीद है.
कटाई के लिए तैयार फलों को जल्द से जल्द तोड़ें, पपीता और केले के गुच्छों को स्कर्टिंग बैग से ढकें, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में बगीचे के पौधों को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए ओला जाल या ओला कैप का उपयोग करें.
काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें, युवा फलों के पौधों और सब्जियों को तेज हवाओं के कारण रुकने से रोकने के लिए यांत्रिक सहायता दें, तेज हवाओं के दौरान सिंचाई और उर्वरक के उपयोग को स्थगित करें और खुले में खड़े होने या खेतों में काम करने से बचें और आंधी/बिजली की अवधि के दौरान जानवरों को घर के अंदर रखें.
पंजाब में गन्ने की बुवाई करें. मिर्च, बैंगन की रोपाई और भिंडी, लोबिया और कद्दू की सीधी बुवाई करें. बंगाल में चना और जीरा की कटाई; गुजरात में ग्रीष्मकालीन मूंगफली, ग्रीष्मकालीन तिल, भिंडी, तुरई, लौकी, ग्वारपाठा और खीरे की बुवाई करें.
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तमिलनाडु में तिल, उड़द और कपास की बुवाई, तेलंगाना में तिल, मूंग और उड़द की बुवाई, चावल की रोपाई, पके चावल की कटाई करें, ओडिशा में तिल, लोबिया, ग्वारपाठा, कद्दू, ककड़ी और तरबूज की बुवाई करें.
पश्चिम बंगाल में बोरो चावल की रोपाई और दालों की बुवाई करें. ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की बुवाई, असम में केले की खेती शुरू करें. ज्वार, चना, अदरक और हल्दी की कटाई करें. ग्रीष्मकालीन मूंगफली, बाजरा, तिल और सूरजमुखी की बुवाई और आंतरिक महाराष्ट्र में तरबूज और खरबूज की रोपाई करें.