एक ओर जहां पड़ोसी राज्य हिमाचल में कुदरत का कहर बरपता नजर आ रहा तो वही हिमाचल से सटे विकासनगर के पहाड़ी क्षेत्रो में भी बरसात और भूस्खलन की भयावाह तस्वीरें सामने आई है. जहां देहरादून का एक पूरा गांव बारिश की चपेट में आकर खंडहर में तब्दील हो गया है. ये पूरी घटना देहरादून के विकासनगर तहसील के अंदर दूरस्थ गांव जाखन की है. जहां बीते दिनों आई आपदा ने जमकर कहर बरपाया है. जिसमें बुधवार की दोपहर 10 मकानों सहित आधा दर्जन से अधिक गौशालाएं भरभरा कर जमींदोज हो गईं. तो वही गांव की मुख्य सड़क टूटकर बिखर गयी है, साथ ही स्कूल से लेकर पूरे गांव में बड़ी-बड़ी दरारें दिखने लगी है. जिसके कारण ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त लोग वहां मौजूद नहीं थे.
हालांकि, भूस्खलन के बाद गांव से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बुधवार को ही हरकत में आई जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित राहत शिविर में पहुंचाया. तो वहीं आज ग्रामीणों द्वारा नम आंखों के साथ खतरे की जद में आए मकानो से सामान को बाहर निकाल कर गांव को आखिरी बार देखा गया. इस दौरान महिलाओं और बुजुर्गो की आंखों से आशू छलक पड़े.
तो वहीं जाखन गांव में भूस्खलन से राजधानी देहरादून में हड़कंप मच गया है. जिलाधिकारी देहरादून सोनिका सहित सभी विभागों ने मौके पर पहुंच चुके हैं. जिलाधिकारी देहरादून का कहना है कि ग्रामीणों को हर संभव मदद दी जा रही है. एसडीआरएफ, वन विभाग, बिजली विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित पुलिस प्रशासन सहित सभी विभाग राहत और बचाव के साथ-साथ क्षति के आकलन में लगे हुए हैं.
विकास नगर के दूरस्थ क्षेत्र जाखन गांव में आपदा ने बड़ा प्रहार किया है, अचानक पहाड़ दरकने से सड़क में बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई है. सड़को में पड़ी दरारों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोई बहुत यहां बड़ा जलजला आया हो. ग्रामीणों के वाहन भी इसकी चपेट में आ गए है जिन्हें निकालना अब मुश्किल है. अब यह वाहन भी पहाड़ से आए मलबे में दबकर जमीदोज हो जाएंगे. जाखन गांव से आगे पड़ने वाले गांव भी कैद होकर रह गए. उन गांवों तक जाने के अब सड़क तक नहीं बची है. पहाड़ जैसे जैसे दरक रहा है ग्रामीणों और प्रशासन की धड़कने भी बढ़ती जा रही है.
जमीन धंसने की वजह से सड़कों और मकानों में दरारे पड़ गई हैं. प्राथमिक विद्यालय भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है. विद्यालय परिसर सहित भवन की दीवारों में भी दरारें आ गयी हैं. साथ ही चहारदीवारी भी गिर गयी है, जिससे गांव के साथ-साथ स्कूल के भी बर्बाद होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
एक ओर जहां आपदा ने इस पूरे गांव को तबाह कर दिया है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ की तलहटी में बसे उसी गांव के ग्रामीणों पर दोहरी विपदा आन पड़ी है. एक ओर जहां ग्रामीणों के घर ध्वस्त हो गये. तो वही ग्रामीणों को बचे हुए सामान को उठाकर नीचे से ऊपर तक ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पूरे गांव में डर का माहौल है. ग्रामीण अपने टूटे घरों को देखकर एक-दूसरे से लिपटकर रो रहे हैं. इस दौरान एक महिला ने डीएम के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि यहां सिर्फ तस्वीरें खींची जा रही हैं. सिर से छत छिन जाने के बाद गुस्साई महिला ने चंद शब्दों में प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.
दरअसल, शहर की भीड़-भाड़ से दूर खूबसूरत पहाड़ों की घाटियों में बसा जाखन गांव, जो कभी गुलजार रहता था, अब खामोश है. हर कोई अपने घरों को उजड़ते हुए देख रहा है. आपदा इतनी बड़ी है कि जल्द ही पूरा गांव जमींदोज हो जाएगा. लोग सरकार से विस्थापन की मांग कर रहे हैं साथ ही उन्हें जमीन के बदले जमीन मिलनी चाहिए. साथ ही उन्हें सिर छुपाने के लिए आश्रय भी मिलना चाहिए इसकी भी मांग जारी है. एहतियात के तौर पर पूरे गांव को खाली तो करा दिया गया है. लेकिन ग्रामीण अब भी अपने घरों को पहाड़ के सैलाब में दबता हुआ देखकर विचलित हो रहे है. गनीमत यह रही कि पहाड़ दरकने की यह घटना दिन में हुई अगर यही घटना रात को होती तो बहुत बड़ी जनहानि सामने आती. फिल्हाल घटना में अबतक कोई जनहानि सामने नहीं आई है. तो वही रेस्क्यू टीमों द्वारा कल ही गांव में फंसे मवेशियों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया था.