बीते हफ्ते हुई बारिश के बाद देशभर में ठंड का असर बढ़ गया है. अब दिन के समय भी ठिठुरन और गलन भरी ठंड पड़ने लगी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में शीतलहर और ठंडे दिन की चेतावनी जारी कर ठंड से बचने की सलाह दी है. वहीं कई राज्यों में जमीनी पाले की चेतावनी भी जारी की गई है. ऐसे में इन जगहों पर किसानों को फसलों से जुड़ी विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शीतलहर की स्थिति बन रही है.
आईएमडी के मुताबिक, आज हिमाचल प्रदेश में शीतलहर की स्थिति के साथ कुछ हिस्सों में पाला पड़ने की संभावना है. वहीं, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और बंगाल के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है. इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ठंडे दिनों की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने नॉर्थ-ईस्ट के ज्यादातर राज्यों में जमीनी पाले को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है.
वहीं, नए साल के पहले दिन कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी जगहों पर मौसम साफ रहेगा. कल हिमाचल प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में पाले की चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन के समय कड़ाके की ठंड पड़ेगी. यहां ठंडे दिन की चेतावनी जारी की गई है. वहीं, 2 जनवरी को देशभर से शीतलहर और कोल्डे की स्थिति खत्म होने जा रही है. सिर्फ पाले का असर रहने की आशंका है.
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दिल्ली के मौसम की बात करें तो यहां कोहरा छाए रहने के साथ ही ठंडे दिन की स्थिति बन रही है. आईएमडी के मुताबिक, आज दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. वहीं, हफ्तेभर न्यूनतम तापमान 8 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है और अधिकतम तापमान 15 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में मध्यम से लेकर घना कोहरा छा सकता है.
बता दें कि साल के अंत में हुई बारिश से ज्यादातर राज्यों में रबी फसलों को फायदा हुआ है. वहीं, ओले गिरने से कुछ राज्यों में फसलों को नुकसान भी पहुंचा है. राजस्थान और हरियाणा में ओले गिरने से गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा है. वहीं, तेज बारिश के कारण मध्य प्रदेश की मंदसौर कृषि उपज मंडी में लाखों रुपये की कीमत की लहसुन बह गई और किसानों को बड़ा नुकसान हुआ. इस साल मॉनसून सीजन की अच्छी बारिश से खरीफ और रबी सीजन की फसलों से अच्छे उत्पादन मिलने की स्थिति बनी है, जो किसानों के लिहाज से काफी अच्छा है.