पिछले हफ्ते पूरे कर्नाटक भर में हुई अच्छी बारिश ने छह महीने से अधिक समय से चले आ रहे सूखे के दौर को खत्म कर दिया है. इससे जहां बढ़ते तापमान में कमी आई, वहीं किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं. वहीं, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की भविष्यवाणी की है. कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि क्षेत्र के आधार पर राज्य में औसतन 10 मिमी से 35 मिमी बारिश हुई है. जबकि बेंगलुरु शहरी और ग्रामीण सहित दक्षिण कर्नाटक के कई जिलों में काफी अच्छी बारिश हुई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश का दौर फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह खरीफ सीजन की शुरुआत का संकेत दे सकता है और संभावित रूप से किसानों को बुआई शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. कृषि मंत्री एन चेलुवरायस्वामी ने सभी जिलों के विभाग के अधिकारियों को जमीनी स्थिति का आकलन करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. विभाग को सूखे जैसी स्थिति से उबरने की उम्मीद है.
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बारिश की फुहारों से उन किसानों को राहत मिली है जो मौजूदा सूखे के बीच उत्सुकता से अपनी रबी फसलों की निगरानी कर रहे थे. कम तापमान - जिसके कई दिनों तक बने रहने की उम्मीद है. इससे फसल की वृद्धि को और फायदा होगा. वरिष्ठ कृषि अधिकारी राघवेंद्र ने कहा कि साल 2022-23 में हमारा साल खराब रहा, लेकिन हमें 2024-25 में बंपर उत्पादन की उम्मीद है, क्योंकि आईएमडी ने सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी की है. अच्छी बारिश और बढ़ी बुआई के कारण राज्य में 2021-22 में 130 लाख टन, 2020-21 में 160 लाख टन और 2019-20 में 141 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ.
कृषि वैज्ञानिक सीपी मंजुला ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस मानसून सीजन में बारिश में 106 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो पूरे देश में सामान्य स्तर से अधिक है. मौसम विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि भविष्यवाणी कर्नाटक के लिए भी अच्छी रहेगी. उन्होंने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य की सामान्य वार्षिक वर्षा में 74 फीसदी का योगदान देता है और राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसका भारी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि 70 फीसदी से अधिक कृषि क्षेत्र वर्षा पर आधारित है. हमें हुई बारिश से जलाशयों और भूजल को फिर से भरने में मदद मिली है, जिससे बेहतर सिंचाई की अनुमति मिली है.
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