सावधान, गुजरात में आ सकता है चक्रवाती तूफान! आसपास के राज्यों में भी होगा असर

सावधान, गुजरात में आ सकता है चक्रवाती तूफान! आसपास के राज्यों में भी होगा असर

गहरे दबाव क्षेत्र के पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने, कच्छ और आसपास के सौराष्ट्र और पाकिस्तान तटों से उत्तर-पूर्व अरब सागर में उभरने और 30 अगस्त को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. इसके बाद, यह अगले 2 दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा.

क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Aug 29, 2024,
  • Updated Aug 29, 2024, 2:21 PM IST

सौराष्ट्र और कच्छ पर गहरा दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 3 किमी प्रति घंटे की गति से धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ा और आज, 29 अगस्त, 2024 को 0830 बजे IST पर उसी क्षेत्र में 23.7°N अक्षांश और 69.4°E देशांतर के पास केंद्रित था, जो भुज (गुजरात) से 60 किमी उत्तर-पश्चिम, नलिया (गुजरात) से 80 किमी उत्तर-पूर्व और कराची (पाकिस्तान) से 270 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व स्थित है.

इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने, कच्छ और आसपास के सौराष्ट्र और पाकिस्तान तटों से उत्तर-पूर्व अरब सागर में उभरने और 30 अगस्त को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. इसके बाद, यह अगले 2 दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा.

बंगाल की खाड़ी पर दबाव की संभावना 

पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके पड़ोस पर एक चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव के तहत, आज, 29 अगस्त, 2024 को 08:30 बजे IST पर मध्य और निकटवर्ती उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 30 अगस्त तक पश्चिम-मध्य और इससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में और अधिक चिह्नित होने की संभावना है. इसके बाद, उत्तर आंध्र प्रदेश और आसपास के दक्षिण ओडिशा तटों की ओर बढ़ते हुए, अगले 2 दिनों के दौरान पश्चिम मध्य और निकटवर्ती उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है.

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अब बदल गया है दवाब का रूट

आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ता है. लेकिन, उसका रूट होता है बिहार, यूपी, हरियाणा और पंजाब. ये दवाब रास्ते में जाते वक्त भयानक बारिश करते हुए आगे बढ़ता है. लेकिन इस बार बारिश वाले कम दबाव के क्षेत्र ने अपना रूट बदल दिया. ये मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान होते हुए पश्चिम की तरफ जा रहा है.   

मौसम विज्ञान इसकी वजह जलवायु परिवर्तन को मानते हैं. मौसम का हाल बताने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पालावत के अनुसार क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी वजह है. इसकी वजह से राज्यों के ऊपर बारिश का पैटर्न बदला है. इस साल बंगाल की खाड़ी के ऊपर चार लो-प्रेशर एरिया और दो डिप्रेशन बने. इन सबने उत्तर-पश्चिमी रूट ने पकड़कर पश्चिम वाला रूट पकड़ा.  

तापमान ने बदला बारिश का पैर्टन

बारिश ने ये रूट सिर्फ इसी साल नहीं पकड़ा है. चार-पांच साल से पश्चिमी रूट पर जाने का प्रयास कर रही है. बढ़ता तापमान ही बारिश के पैटर्न को बदल रहा है. जिसकी वजह से सामान्य से ज्यादा बारिश सूखे प्रदेशों में हो रही है. जैसे- ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और गुजरात. 

भारती मौसम विज्ञान केंद्र की साइंटिस्ट सोमा सेन रॉय ने इस बात को माना कि पश्चिम बंगाल की ओर कई लो-प्रेशर एरिया बने हैं. इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसकी वजह से बेतरतीब बारिश हो रही है. अगस्त के महीने में ज्यादा लो-प्रेशर सिस्टम देखने को मिलते हैं. जिसकी वजह से कई राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश होती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. मौसम के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं है. पश्चिम की तरफ मॉनसूनी बारिश का घूमना एक सामान्य प्रक्रिया है. अक्सर देखने को मिलती है. (कुमार कुणाल की रिपोर्ट)

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