बिहार के कई जिलों को ले डुबी नेपाल की बारिश, 56 साल बाद दिखा ऐसा खौफनाक मंजर

बिहार के कई जिलों को ले डुबी नेपाल की बारिश, 56 साल बाद दिखा ऐसा खौफनाक मंजर

जिन सड़कों पर जहां कभी चलती थीं गाड़ियां वहां नाव चलाने की नौबत आ गई है. लोगों के घर इसी तरह से डूबे हुए हैं. माल मवेशी बचाने के लिए लोग प्रयासरत हैं. एसडीआरएफ की टीम लोगों की मदद तो कर रही है, मगर ये मदद नाकाफी है, क्योंकि पानी की मार ने हाहाकार मचाया हुआ है.

बिहार में बाढ़ का संकटबिहार में बाढ़ का संकट
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 30, 2024,
  • Updated Sep 30, 2024, 1:11 PM IST

नेपाल में बादल मुसीबत बनकर बरसे हैं. मगर उस मुसीबत का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिल रहा है. उत्तर बिहार के कई जिलों में जबरदस्त बाढ़ आ गई है. गंडक नदी, गंगा नदी और कोसी नदी का पानी गांव के गांव डुबा देने पर आमादा है. एकाएक आई इस बाढ़ ने आधे बिहार को ठप कर दिया है. लोग जहां तहां फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने का काम जारी है.

बिहार की इस बाढ़ में गलियां डूब गई हैं, गलियारे डूब गए हैं और गांव के गांव डूब गए हैं. सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं. यहां तक कि खेत खलिहान भी डूब गए हैं. लोगों की गृस्थियां डूब गई हैं. इस भयंकर बाढ़ में घर-बार सब डूब गए हैं. तस्वीरों में देखें तो अथाह जल, अथाह परेशानी, अथाह तकलीफ, अथाह दुख में बिहार के कई इलाकों के लोग फंसे हुए हैं. उत्तर बिहार में 56 बरस बाद बाढ़ की ऐसी प्रलयंकारी तस्वीरें सामने आई हैं. हालत ये है कि उत्तर बिहार में गंडक नदी उफान है. गंगा गरज रही है और कोसी कहर बरपाने को आतुर है. सहरसा जिले के कई इलाके डूब रहे हैं, उतरा रहे हैं. लोग पानी में डूब कर पार उतर रहे और इधर-उधर निकलने की कोशिश कर रहे हैं.

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बाढ़ से पूरे इलाके में हाहाकार

जिन सड़कों पर जहां कभी चलती थीं गाड़ियां वहां नाव चलाने की नौबत आ गई है. लोगों के घर इसी तरह से डूबे हुए हैं. माल मवेशी बचाने के लिए लोग प्रयासरत हैं. एसडीआरएफ की टीम लोगों की मदद तो कर रही है, मगर ये मदद नाकाफी है, क्योंकि पानी की मार ने हाहाकार मचाया हुआ है. भयंकर प्रलय से माल मवेशियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. सहरसा जिले के कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. यहां खाने का सामान, घर में रहने की सभी सुविधाएं पूरी तरह से डूब गई हैं. एक दिन पहले से ही सहरसा में मुनादी कराई जा रही है कि लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले जाएं.

2 जिले हैं बाढ़ से प्रभावित

सवाल ये है कि उत्तर बिहार में इतना पानी एकाएक आया कैसे. तो बता दें कि बिहार पर आए जलसंकट के पीछे नेपाल का पानी है. नेपाल में जोरदार बरसात हुई, इसके बाद नेपाल ने अपने बैराज के गेट खोले और सारा पानी बिहार की ओर बह चला. अब आलम ये है कि बिहार के 12 जिले पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हैं. यहां पानी ने हाहाकार मचा रखा है. राहत बचाव काम जारी है मगर वो पर्याप्त नहीं है. 

आधे बिहार में स्थिति विकट है, क्योंकि नेपाल से पानी लगातार आ रहा है और इधर नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. लोग किसी तरह अपनी जान तो बचा पा रहे हैं मगर उनकी सारी गृहस्थी पानी की भेंट चढ़ गई है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. उत्तर बिहार के कई जिलों की स्थिति इसी तरह भयावह है. रास्ते डूबे हुए हैं, घर डूबे हुए हैं, स्कूल डूबे हुए हैं, या तो तैर के जाइए या नाव चलाइए, हालात बिगड़े हैं और बहुत ज्यादा बिगड़े हैं. लोगों के घरों में पानी है, खाने पीने के सामान पहुंच नहीं पा रहे हैं, लोग तकलीफ में हैं.

मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर

आखिर लोग करें तो करें क्या, बिन बताए मुसीबत आ धमकी है. अब चारों ओर पानी का प्रहार है. मझधार ही मझधार है. आदमी करे क्या, खाए क्या, जाए कहां, जिए कैसे. ये हालात बगहा के हैं. अब वाल्मीकिनगर की स्थिति जान लीजिए. यूं समझिए कि सिर्फ नाम बदला है परेशानी वही है. यहां भी उतना ही पानी है. चारों तरफ बाढ़ का मंजर और दहशतजदा लोग हैं. वाल्मीकिनगर एयरपोर्ट की तस्वीरें डराने वाली हैं. जहां तक नजर जाती है सिर्फ पानी ही नजर आता है. यहां के बैराज के सारे गेट खोल दिए हैं, अब गंडक नदी ऊफान पर है और मैदानी इलाकों में कहर बरपा रही है.

कोसी बैराज से छोड़ा गया पानी

अब मुजफ्फरपुर के हालात आपको बताते हैं. यहां पानी के आगे लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. नेपाल से पानी छोड़े जाने के चलते मुजफ्फरपुर के बागमती नदी में जल स्तर बढ़ गया है. एप्रोच पथ पर पानी आ जाने से पीपा पुल पर आवाजाही बंद हो गई है. इधर कोसी बैराज से लगातार पानी आ रहा है. इतना पानी कि कोसी बैराज के सभी गेट खोल देने पड़े हैं. 1968 के बाद पहली बार कोसी बैराज से इतना पानी छोड़ा गया है. इतना पानी कि तटबंधों के टूटने का खतरा बढ़ने लगा है. 

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यहां भी जारी किया गया अलर्ट

लोग गांव-घर छोड़ कर इधर उधर भागने लगे हैं. इसी के साथ आपको साहिबगंज की स्थिति भी जान लेनी चाहिए. पानी आने के बाद साहिबगंज का पूरा इलाका पानी-पानी हो गया है. ड्रोन तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि खेत-खलिहान सब पानी में डूबे हैं. जगह-जगह टापू जैसी जमीन पर लोगों ने आसरा ले रखा है. साहिबगंज जिला प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी है, लेकिन लोगों के लिए कहीं जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है. इस तरह पूरे बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. देखना होगा कि नीतीश सरकार शहर शहर मचे इस कहर से कैसे निपटती है. (बगहा से शशिभूषण और सहरसा से रोहित सिंह के साथ आजतक ब्यूरो)


 

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