18 महीने की कड़ी मेहनत ने हरदोई के पाटकुआं गांव के किसान नागेन्द्र सिंह को मीठा फल दिया. नागेन्द्र पिछले 20 साल से गन्ने की खेती कर रहे हैं लेकिन साल 2023 उनके लिए बेहद खास रहा, इस साल उन्होंने ना सिर्फ अपने जिले बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में गन्ना पैदा करने का रिकॉर्ड बना दिया. नागेन्द्र ने एक हेक्टेयर में 2758 क्विंटल गन्ना पैदा किया जो पूरे राज्य में सबसे ज्यादा उत्पादन है. नागेन्द्र ने कैसे ये कमाल कर दिखाया, किसान तक से शेयर किया उन्होंने अपना ये गुरूमंत्र..
नागेन्द्र का मानना है कि अगर खेत अच्छा तैयार किया जाए और बीज पर सही काम किया तो 90% इस बात की गारंटी है कि फसल जरूर अच्छी होगी. नागेन्द्र ने बताया कि गन्ने के खेत की तैयारी उन्होंने जून 2021 में ही शुरू कर दी थी. इसके लिए फसल चक्र अपनाया और बढ़िया क्वालिटी की हरी खाद का इस्तेमाल किया. हरी खाद के लिए उन्होंने खेत में ढेंचा बोया और उसे खेत में ही काट दिया जिससे हरी खाद तैयार हो गई. इसके बाद करीब सितंबर में उन्होंने गन्ने की बुवाई की जिसके लिए 2 इंच आंख का टुकड़ा लिया. उन्होंने बताया कि बीज की क्वालिटी पर खास ध्यान दिया था. उन्होंने शाम को बीज तैयार किया, रातभर Hexa stop ट्रीटमेंट के पानी में भिगोकर रखा, तब सुबह बुवाई की. उन्होंने गन्ने पर 1-2 इंच मिट्टी भी पाटा ना लगाकर हाथ से गिराई.
इसके बाद नागेन्द्र ने CO-0238 गन्ना वैराइटी खेत में बोई जिसमें सबसे ज्यादा गन्ना पैदा होता है. हालांकि इस वैराइटी में शुरू में सफेद कीड़ा रोग आ गया था जिसे DCM श्रीराम शुगर मिल के एक्सपर्ट की मदद से रोक दिया गया. इस वैराइटी में लाल कैंसर रोग भी लग जाता है और इतना खतरनाक है कि वो एक खेत से उड़कर दूसरे खेत में भी जा सकता है. इसे रोकने के लिए नागेन्द्र ने खेत की बाउंड्री पर दूसरी वैराइटी लगाई ताकि अगर दूसरे खेत से रोग आए भी तो किनारे की दूसरी वैराइटी तक ही सिमट जाए.
नागेन्द्र सिंह का कहना है कि किसान बिना मिट्टी की जांच करे उसमें यूरिया और डीएपी झोंकते रहते हैं चाहे खेत में इनकी कमी हो या ना हो. लेकिन उन्होंने मिट्टी की जांच कराई और उसके बाद दवा डाली. साथ ही उनको DCM श्रीराम शुगर मिल के एक्सपर्ट की एक राय से बड़ी मदद मिली, उन्होंने यूरिया खाद का एक कट्टा लिया और उसमें तीन चार बोरी गोबर खाद मिक्स करके शाम को ढंककर रख दिया और अगले दिन खेत में लगा दिया इससे 4 गुना सस्ती और अच्छी खाद खेत को मिली.
जुलाई 2022 में गन्ने की बंधाई चालू शुरू की और इसके लिए शुरुआत में बंधाई हाइट हिसाब से की, जब धीरे धीरे चार-पांच बंधाई हो जाती है फिर उन्होने मिट्टी चढ़ाई. बाद में जब गन्ने की पूरी लंबाई बढ़ गई तो उसे आंधी बारिश में गिरने से बचाने के लिए खेत में बांस भी गढ़वाए जिससे फसल एकदम सही सलामत रही. इसके बाद सितंबर में बाद जब गन्ने के पौधे तेजी से बड़े होने लगे तो उन्होंने स्प्रे से खाद देना शुरू किया .