Success Story: बकरी पालन से बिहार की इस महिला की बदली किस्मत, 8 हजार रुपये किलो बेचती हैं घी

Success Story: बकरी पालन से बिहार की इस महिला की बदली किस्मत, 8 हजार रुपये किलो बेचती हैं घी

भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड के विशनपुर गांव की रहने वाली वंदना कुमारी कहती हैं कि साल 2018 से पहले घर के कामकाज के साथ वह जैविक खेती करती थीं. लेकिन खेती में ज्यादा कमाई नहीं थी. तब उन्होंने बकरी पालन की ट्रेनिंग ली और 2 बकरियों के साथ इसका कारोबार शुरू कर दिया. आज इनके पास 60 बकरियां हैं.

बकरी पालन से बिहार की महिलाओं की बदल रही तकदीर, आठ हजार रुपए किलो बेचती है बकरी का घी बकरी पालन से बिहार की महिलाओं की बदल रही तकदीर, आठ हजार रुपए किलो बेचती है बकरी का घी
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Sep 14, 2024,
  • Updated Sep 14, 2024, 4:18 PM IST

बिहार में बकरी पालन का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खास कर महिलाएं भी बड़े स्तर पर बकरी पालन कर रही हैं. इन्हीं महिला किसानों में से एक हैं वंदना कुमारी. ये पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर भागलपुर जिले की रहने वाली हैं. अभी वंदना मटन के साथ-साथ बकरी के दूध और 8 हजार रुपये किलो घी बेचकर अच्छी कमाई कर रही हैं. वंदना ने किसान तक से बातचीत में बताया कि वह भागलपुर जिले के उस गांव से ताल्लुक रखती हैं, जहां कभी जाने के लिए रास्ता तक नहीं था. गांव से बाहर जाने के लिए सिर्फ पगडंडी ही सहारा था. इसके बावजूद भी वह गांव से काफी दूर जाकर बकरी पालन करने की ट्रेनिंग ली और आज दूसरे के लिए मिसाल बन गईं. वर्तमान में दूसरे गांव से आकर महिलाएं वंदना से बकरी पालन की ट्रेनिंग ले रही हैं.

वंदना कुमारी के पास आज 60 बकरियां हैं.

हालांकि, वंदना के गांव में अब सड़क बन चुकी है. उनका कहना है कि अब वे गांव से राजधानी पटना तक का सफर खुद ही तय कर रही हैं, क्योंकि बकरी पालन ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है. खास बात यह है कि बकरी पालन में बेहतर काम करने के लिए वंदाना को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. अभी बकरी पालन से सालाना साढ़े तीन लाख से अधिक की कमाई कर रही हैं. 

ये भी पढ़ें: कभी 1200 रुपये की करते थे नौकरी, आज मशरूम से करते हैं 50-60 लाख रुपये की कमाई

दो बकरियों से शुरू किया कारोबार

भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड के विशनपुर गांव की रहने वाली वंदना कुमारी कहती हैं कि साल 2018 से पहले घर के कामकाज के साथ वह जैविक खेती करती थीं. लेकिन खेती में ज्यादा कमाई नहीं थी. तब उन्होंने बकरी पालन की ट्रेनिंग ली. इसके बाद साल 2018 में दो बकरियों के साथ इसका बिजनेस शुरू कर दिया. आज दो से 60 बकरियां हो चुकी हैं. वंदना का कहना है कि वे बकरी पालन से महीने का क़रीब 30 हजार रुपए तक की कमाई आसानी से कर लेती हैं. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में 23 हजार रुपये तक का बकरा बेचा है.

ये भी पढ़ें:  बिहार का वनीय क्षेत्र बढ़ाने की योजना, 30 फीसदी से अधिक एरिया को ग्रीनरी से कवर करने की तैयारियां शुरू

8 हजार रुपए किलो बेच चुकी हैं घी 

किसान तक से बातचीत के दौरान वंदना ने कहा कि कोरोना काल के दौरान वह 1000 से 1200 रुपए प्रति लीटर बकरी का दूध बेच चुकी हैं. उनका कहना है कि डेंगू के मरीज बकरी के दूध का कोई भी दाम देने के लिए तैयार रहते हैं. इसके साथ ही बकरी के घी को दवा के रूप में लोग 8 हजार रुपए प्रति किलो तक खरीदारी कर चुके हैं. उनकी माने तो बकरी पालन गरीबों के लिए कमाई का कम खर्च में सबसे बढ़िया कारोबार है. आप बकरी पालन से मीट के अलावा उसके दूध और घी भी बेच सकते हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बकरी से महीने का 10 हजार से अधिक की कमाई कर सकती हैं. 

MORE NEWS

Read more!