कहते हैं किसी भी संसाधन का उपयोग कैसे करना है, यह आप पर निर्भर करता है. आज के समय में तकनीक का इस्तेमाल कर कुछ लोग खुद के साथ-साथ दूसरों की जीवन को जहां संवार रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी है डॉ. बलराम किसान की. डॉ. बलराम सोशल मीडिया का इस तरह उपयोग कर रहे हैं जिससे पूरे कृषक समुदाय को लाभ मिल रहा है. आपको बता दें कि डॉ. बलराम अपने यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं. डॉ. बलराम मंगलवार को दिल्ली में आयोजित किसान तक समिट में शामिल हुए. इंडिया टुडे ग्रुप के किसान तक डिजिटल चैनल के उद्घाटन कार्यक्रम में किसान बलराम शरीक हुए. उन्होंने बताया कि खेती-किसानी में कितनी अपार संभावनाएं हैं. क्या है इनकी पूरी कहानी आइए जानते हैं.
किसान डॉ. बलराम बताते हैं कि जब इंटरनेट लोगों के पैकेट में आया, तब से उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों की सबसे अधिक मदद की. आज उसी का परिणाण है कि उन्हें किसानों की मदद से डॉक्टरेट की उपाधि मिली है. खेती-किसानी में शोध की बदौलत ही उन्हें यह सम्मान मिला है.
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कृषि क्षेत्र में सुनहरे अवसरों को देखते हुए कई लोग इसकी ओर रुख करते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं 9 से 6 की नौकरी से भी तंग आकर कई लोग खेती में अपना किस्मत आज़मा रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी डॉ बलराम किसान की है जिन्होंने 2004 में इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड को छोड़ कर खेती को अपनाया था. इसके बाद 2006 में डॉ. बलराम ने सीखने और सिखाने की मुहिम छेड़ी, जिसमें उन्होंने गांव-गांव जा कर निशुल्क किसान संगोष्ठी आयोजित की और किसान पाठशाला का आरंभ किया. इसका मुख्य मकसद किसानों को शिक्षित करना था ताकि खेती-किसानी में कोई समस्या ना हो.
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देश में कई ऐसे किसान हैं जो खेती-बाड़ी कर तो रहे हैं लेकिन सही तरीके से कैसे किया जाए, इसकी जानकारी बहुत कम किसानों के पास होती है. ऐसे में किसानों को सही दिशा दिखाने के लिए डॉ. बलराम ने किसानों को सिखाने और सीखने का काम शुरू किया है. डॉ. बलराम ने इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से की और फिर संपूर्ण भारत ने इसे अपनाया. 2012 में डॉ बलराम ने किसान पाठशाला को फिजिकल से डिजिटल करने का प्रयास किया, लेकिन किसानों के पास इंटरनेट की सुविधा ना होने के कारण इसमें भी काफी दिक्क्तें आई.
किसान बलराम ने संघर्ष जारी रखा और किसानों तक समाधान पंहुचाते रहे और आज की तारीख में, यूट्यूब के माध्यम से हर किसान की जेब में किसान पाठशाला है. भारत ही नहीं, विश्व के कई और देशों के किसान भी इसका लाभ उठा रहे हैं. डॉ बलराम किसान ने खेती में अनेक इनावेशन भी किए हैं, जिन पर कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा शोध का कार्य चल रहा है. डॉ. बलराम किसानों की बेहतरी के लिए यूट्यूब चैनल चला रहे हैं. किसान पाठशाला BALRAM KISAN के नाम से यूट्यूब चैनल है. इस चैनल के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित करने के काम किया जाता है.