हिमाचल प्रदेश के पद्धर में किसान आजकल नई तरह की खेती कर रहे हैं. वे अनाज और सब्जियों की खेती छोड़ जंगली गेंदे की खेती में लग गए हैं. अब यही खेती उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. इस खेती का बड़ा फायदा ये है कि हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को फ्लोरीकल्चर यानी कि फूलों की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है. इसमें प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की सब्सिडी ली जा सकती है. इस स्कीम का फायदा उठाकर पद्धर के किसान दर्शन लाल अच्छी कमाई कर रहे हैं. वे बताते हैं कि 100 बीघा में गांव के अन्य लोगों के साथ जंगली गेंदे की खेती कर रहे हैं. इस फूल से टैजेटिस तेल निलकता है जो महंगे दाम पर बिकता है.
इस खेती के लिए दर्शनलाल ने उद्यान विभाग से संपर्क किया और शेड बनाने के लिए 2.50 लाख रुपये की सब्सिडी ली. इस शेड में वे जंगली गेंदे को जमा करते हैं जिससे कि बरसात में फूल खराब नहीं होते. वे बताते हैं कि पहले उन्हें अपने फूलों को तोड़कर नेरचौक मंडी ले जाना होता था जहां फूलों से तेल निकला जाता था. इसमें उनका खर्च बढ़ जाता था क्योंकि ढुलाई और परिवहन खर्चीला काम था. बाद में हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर ने उनके सिऊन पंचायत में एक मशीन लगा दी जहां तेल निकालने का काम शुरू हो गया.
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इसका फायदा दर्शनलाल सहित और भी कई किसानों को मिला जो इस मशीन पर जाकर 23 रुपये प्रति किलो की दर से जंगली गेंदा बेच देते हैं. उसी मशीन पर गेंदे का तेल भी निकाला जाता है जो बाजार में 12 से 15 हजार रुपये लीटर बिक जाता है. दर्शनलाल आज के समय में जंगली गेंदे का तेल बेचकर सालाना 2 लाख रुपये तक कमा लेते हैं. हिमाचल प्रदेश में इस तरह की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी संदर्भ में सरकार ने महक स्कीम शुरू की है.
जंगली गेंदे की खेती में मुनाफे की बहुत संभावनाएं हैं. इसकी खेती करने पर प्रति हेक्टेयर खर्च 80,000 रुपये है. प्रति हेक्टेयर जंगली गेंदे से 36-45 किलो तेल निकल सकता है. इसमें बायोमास की मात्रा 120 से 150 किलो तक होगी, उसे भी बेचकर किसान कमाई कर सकते हैं. जंगली गेंदे का तेल कम से कम 7,000 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. इस तरह किसान प्रति हेक्टेयर इसके तेल से 2,52,000 रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसमें से खर्च काट दें तो किसान को 1,72,000 रुपये का शुद्ध लाभ हो सकता है. अगर यही तेल 15 हजार रुपये लीटर बिके तो आमदनी और मुनाफा दोगुना तक जा सकता है.
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जंगली गेंदे के तेल का उपयोग कई तरह के प्रोडक्ट में होता है. कॉस्मेटिक्स से लेकर फूड प्रोसेसिंग में इसकी बहुत मांग रहती है. इसके तेल और एब्सोल्यूट का उपयोग कोला और अन्य अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों, डेयरी उत्पाद, कैंडी, बेकरी, जिलेटिन्स, पुडिंग और कंडीमेंट जैसे खाद्य पदार्थों में अच्छी खुशबू लाने के लिए उपयोग किया जाता है. इस तेल में कुछ जैविक गुण भी पाए जाते हैं जिसके कारण फार्मा उद्योग में इसकी मांग देखी जाती है.