लखनऊ के इस युवा ने 300 Sq फीट के घर में शुरू की केसर की खेती, अब लाखों में होगी कमाई, जानिए कैसे?

लखनऊ के इस युवा ने 300 Sq फीट के घर में शुरू की केसर की खेती, अब लाखों में होगी कमाई, जानिए कैसे?

Kesar Ki Kheti: लखनऊ निवासी हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि केसर के दाम इसकी क्वॉलिटी से तय होते हैं. प्रीमियम क्वालिटी का 500 रुपये प्रति ग्राम से महंगा बिकता है. ऐसे में केसर निकालने के बाद इसे कश्मीर की लैब भेजकर क्वॉलिटी की जांच करवाएंगे.

लखनऊ निवासी हेमंत श्रीवास्तव ने बिना मिट्टी और पानी के केसर उगाना शुरू कर दिया है. (Photo-Kisan Tak)लखनऊ निवासी हेमंत श्रीवास्तव ने बिना मिट्टी और पानी के केसर उगाना शुरू कर दिया है. (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Nov 18, 2024,
  • Updated Nov 18, 2024, 5:25 PM IST

अगर इरादे मजबूत हों तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है. राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के विजयंत खंड निवासी हेमंत श्रीवास्तव ने यह साबित कर दिया है. उन्होंने परंपरागत खेती से हटकर एरोपोनिक तकनीक के जरिए बिना मिट्टी और पानी के कश्मीरी केसर यानी मोगरा उगाने का अनोखा प्रयोग किया. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में हेमंत ने बताया कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एमबीए के बाद वहीं नौकरी कर रहे थे. लेकिन वो अपने माता-पिता के पास रहना चाहते थे, इसलिए भारत आकर कुछ अगल करने का प्लान बनाया.

300 स्क्वायर फीट में 40 लाख का सेटअप

उन्होंने बताया कि मेरे पिता डीके श्रीवास्तव साल 2016 में डिस्ट्रिक्ट जज के पद से रिटायर हुए थे, उनको मन खेती की तरफ ज्यादा था, इसलिए हमने कुल अगल कश्मीरी केसर की खेती करने का फैसला लिया. एमबीए पास हेमंत श्रीवास्तव ने आगे बताया कि उन्होंने अपने घर में 300 वर्ग फुट में सेटअप तैयार कर केसर के 10 टन बीज लगाए हैं. सभी बीज कश्मीर से मंगाए थे. 38 वर्षीय हेमंत बताते हैं कि केसर की खेती कश्मीर की ठंडी जलवायु और अनूठी मृदा स्थितियों में होती है, जो इसे भारत के अन्य हिस्सों में उगाना कठिन बना देती है.उन्होंने बताया कि घर की पहली मंजिल पर 300 वर्ग फुट जगह खाली थी. इसी जगह पर सेटअप लगवाया. कमरे में दो चिलर, ह्युमिडिफायर, एलईडी और फोटोसिंथेसिस लाइटें लगाई गई.

1 किलो केसर रिटेल में 6 से 8 लाख रुपये में बिक जाएगा

फिर दिल्ली से ट्रे मंगवाई और रैक बनवाई. केसर की खेती में इसकी जड़ वाले बीज इस्तेमाल होते हैं, जिन्हें बल्ब कहते हैं. ये बल्ब कश्मीर और बाहर से मंगवाए. इसमें 30 से 40 लाख रुपये खर्च आया. लैब तैयार होने के बाद इसी साल सितंबर में बीज लगाए थे. इसमें जुलाई 2024 महीने में फूल आ गए. हेमंत को उम्मीद है कि पहली फसल के तौर पर एक किलो केसर निकलेगा.

केसर की खेती के लिए 300 स्क्वायर फीट में 40 लाख का सेटअप

वहीं फूल आने भी लगे है, लखनऊ में बहुत सारे लोगों का फोन उसे खरीदने के लिए आ रहा है. एक किलो केसर रिटेल में 6 से 8 लाख रुपये में बिक जाएगा. उन्होंने बताया कि केसर की खेती को वर्टिकल फार्मिंग का रूप दे दिया है, जिससे कम जगह में ज्यादा बीज लगाकर उत्पादन किया जा सकता हैं. वहीं इसकी बिक्री ऑनलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से करेंगे. 

कैसे होती है एयरोपोनिक तकनीक? 

हेमंत ने अपने घर के एक वातानुकूलित हॉल में एरोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग का उपयोग करके केसर की खेती शुरू की. एरोपोनिक प्रणाली में पौधे हवा में लटके रहते हैं और उनकी जड़ों को एक नियंत्रित पोषक तत्व युक्त धुंध (स्प्रे) प्रदान की जाती है. उन्होंने बताया, 'इस तकनीक से हम सीमित जगह में अधिकतम पौधे उगा सकते हैं.' इसके अलावा, वर्टिकल फार्मिंग के जरिए उन्होंने दो कमरों को तोड़कर एक हॉल बनाया, जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि यह एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट प्लान है, अब आगे आमदनी होगी. 

यूपी में केसर की खेती को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ निवासी हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि केसर के दाम इसकी क्वॉलिटी से तय होते हैं. प्रीमियम क्वालिटी का 500 रुपये प्रति ग्राम से महंगा बिकता है. ऐसे में केसर निकालने के बाद इसे कश्मीर की लैब भेजकर क्वॉलिटी की जांच करवाएंगे. हमने खेती के लिए बेहतरीन क्वॉलिटी के बल्ब इस्तेमाल किए हैं. ऐसे में उम्मीद है कि हम 600 से 700 रुपये प्रति ग्राम के रेट में केसर बेच सकेंगे.

उनका मानना है कि एरोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग तकनीक का सही इस्तेमाल करके, लखनऊ जैसे क्षेत्रों में भी केसर की खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है. इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले केसर का उत्पादन भी संभव हो सकेगा. वर्तमान में भारत 92% केसर का आयात ईरान से करता है. हेमंत का यह प्रयास उत्तर प्रदेश में केसर की खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.

 

 

 

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