Dairy Business: सरकारी जॉब छोड़कर करने लगे खेती, पशुपालन से खड़ा किया दूध का कारोबार, करोड़ों में है सालाना कमाई

Dairy Business: सरकारी जॉब छोड़कर करने लगे खेती, पशुपालन से खड़ा किया दूध का कारोबार, करोड़ों में है सालाना कमाई

किसान परिवार से आने वाले सोमबीर ने खुद खेती की, फिर पशुपालन किया और इससे अपना मिल्क बिजनेस खड़ा किया. आज उनका बिजनेस इतना बढ़ चुका है कि अब वह खुद पशुपालन करने की बजाय दूसरे पशुपालकों से दूध खरीदते हैं.

Dairy Business in Haryana Dairy Business in Haryana
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • Jan 15, 2025,
  • Updated Jan 15, 2025, 2:09 PM IST

    यह कहानी है हरियाणा में भिवानी के रोढ़ा गांव के रहने वाले सोमबीर सिंह की, जो अपना खुद का बिजनेस- न्यू किसान डेयरी मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स चला रहे हैं. ग्रेजुएशन तक पढ़े सोमबीर सिंह लोगों को दूध, दही, पनीर, मावा से लेकर कई तरह की मिठाइयां उपलब्ध करा रहे हैं. किसान परिवार से आने वाले सोमबीर ने खुद खेती की, फिर पशुपालन किया और इससे अपना मिल्क बिजनेस खड़ा किया. आज उनका बिजनेस इतना बढ़ चुका है कि अब वह खुद पशुपालन करने की बजाय दूसरे पशुपालकों से दूध खरीदते हैं. 

    अमूल, मदर डेयरी की तरह पैकेजिंग में बेचते हैं दूध 

    सोमबीर बताते हैं कि उनकी डेयरी का दूध लोगों तक बाकी मिल्क कंपनियों की तरह पैकेजिंग में ही जाता है. उन्होंने बताया, "मैंने मार्केट में देखा कि जिस दूध को कंपनियां लोगों से कम दाम में खरीद रही हैं उसे ही आगे ग्राहकों तक बहुत ज्यादा दाम में बेचा जाता है. और उनका काम सिर्फ इतना है कि वे हमारे दूध को पैकेट में पैक करके बेचते हैं." सोमबीर ने इस आइडिया पर काम करते हुए अपने खेतों में ही प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर दी. 

    साल 2017 में उन्होंने मिल्क प्रोसेसिंग को अच्छे से समझकर अपना बिजनेस शुरू किया. जैसे-जैसे उनका बिजनेस बढ़ा, उन्होंने खुद पशुपालन छोड़कर अपने गांव और आसपास के इलाकों से दूध खरीदना शुरू किया. वह पशुपालकों को दूध का जायज दाम लेते हैं और ग्राहकों को सही क्वालिटी का दूध सही दाम पर उपलब्ध कराते हैं. 10 लीटर दूध से काम शुरू करने वाले सोमबीर आज हर महीने 10 हजार लीटर दूध की प्रोसेसिंग करते हैं, 

    लोगों तक पहुंचा रहे एकदम शुद्ध दूध 

    सोमबीर बताते हैं कि आज दूध की कई बड़ी ब्रांड मार्केट में हैं लेकिन भिवानी और आसपास के इलाके में लोगों ने उनके दूध को प्राथमिकता दी क्योंकि वह लोगों को ताजा और क्वालिटी दूध दे रहे हैं. बड़े ब्रांड्स दूर-दूर से दूध इक्ट्ठा करते हैं और इस दूध को उनके अलग-अलग चिलिंग सेंटर पर भेजा जाता है. इसके बाद दूध को मुख्य सेंटर पर पहुंचते-पहुंचते कई दिन का समय लग जाता है और इतने दिन तक दूध को चलाने के लिए दूध में प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं. 

    लेकिन सोमबीर ने इस कई दिन की प्रक्रिया को चंद घंटों में बदल दिया. वह सुबह पशुपालकों से दूध इकट्ठा करके अपनी प्रोसेसिंग यूनिट पर लाते हैं जहां मात्र तीन घंटे में बिना किसी मिलावट के दूध को पैक किया जाता है और फिर अगले दो घंटे में दूध को ग्राहकों तक पहुंचा दिया जाता है. उनका कुल समय मात्र पांच घंटे रहता है. जब लोगों को दूध की ताजा क्वालिटी मिली तो उनके दूध की मांग बढ़ने लगी और देखते ही देखते उनका काम भी बढ़ गया. 

    करोड़ों की है सालाना कमाई 

    सोमबीर दूध के साथ-साथ मिल्क प्रोडक्ट्स को भी मार्केट करते हैं. वह कहते हैं कि एक बार काफी ज्यादा मात्रा में दूध बचने पर उन्होंने इसका मावा बनवा दिया. यह मावा उनके जानने वालों में ही बंट गया. लेकिन मावा का स्वाद इतना अच्छा था कि उन्हें रेगुलर फोन पर लोग ऑर्डर देने लगे. यहां से मिठाई का बिजनेस शुरू हुआ. आज वह 3000 से ज्यादा ग्राहकों को दूध डिलीवर करते हैं और 23 लोगों को उन्होंने रोजगार दिया हुआ है. सोमबीर कहते हैं कि उनका सालाना टर्नओवर आज करोड़ों में है. 

    सरकारी जॉब छोड़कर शुरू किया था अपना काम 

    आपको जानकर हैरानी होगी कि सोमबीर ग्रेजुएशन के बाद शिक्षा बोर्ड में सरकारी नौकरी कर रहे थे. उनके पिता खेती संभालते थे. सोमबीर की नौकरी भी अच्छी चल रही थी लेकिन एक दिन उनके सीनियर ने उन्हें डांटा और '4th क्लास इंसान' कह दिया. इस बात ने सोमबीर के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाई. ईमानदारी से काम करने के बाद भी जब सोमबीर को अपमान मिला तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी. 

    सोमबीर नौकरी छोड़कर अपने पिताजी के साथ खेती में लग गए और धीरे-धीरे आगेबढ़ने लगे. कुछ अलग करने की चाह में उन्होंने पहले जैविक खेती की और फिर पशुपालन करना शुरू किया. पशुपालन से उनका डेयरी बिजनेस शुरू हो गया. उनका कहना है कि आज वह जिस मुकाम पर हैं, वहीं तक पहुंचने में उन्हें 22 साल लगे हैं. अंत में वह लोगों के लिए सिर्फ यही सलाह देते हैं कि सिर्फ नौकरी के पीछे न भागें. छोटा ही सहीं लेकिन अपना काम करें और धैर्य रखें क्योंकि सफलता रातोंरात नहीं मिलती है. 

     

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