खेती को उन्नत तरीके से करने के बारे में किसानों को जागरूक करने वाली एग्रीटेक फर्म भारतएग्री (BharatAgri) की मदद से राजस्थान के अलवर के किसान ने एक एकड़ में दोगुनी प्याज की उपज हासिल करने में सफलता पाई है. भारतएग्री के फाउंडर सिद्धार्थ दिआलनी (Siddharth Dialani) ने कहा कि किसान ने भारत एग्री की सेवाओं, सुझावों के जरिए प्याज की खेती की है, जिसमें उन्होंने एक एकड़ में 14 टन प्याज उत्पादन हासिल किया है, जो भारत में औसत उपज से दोगुना है. उन्होंने कहा कि देश के किसान विदेशी किसानों की तुलना में कम उत्पादन हासिल कर पा रहे हैं. अधिक उत्पादन के लिए किसानों को खेती के सही तरीके अपनाना जरूरी है. इसके लिए उन्हें सही बीजों का चयन, समय पर खेत की सिंचाई, सही मात्रा में सही उर्वरकों का इस्तेमाल समेत कई उपाय बताए हैं.
फोर्ब्स इंडिया 2020 में 30 अंडर 30 में शामिल रहे सिद्धार्थ दिआलनी ने भारतएग्री (BharatAgri) की शुरुआत 2017 में की थी. भारतएग्री का एआई बेस्ड एल्गोरिदम की मदद से किसानों को बताता है कि उन्हें क्या, कब और कैसे उगाना है ताकि ज्यादा उपज मिल सके और किसान की आय बढ़ सके. सिद्धार्थ दिआलनी ने राजस्थान के अलवर के किसान असलम खान सफल खेती की कहानी साझा करते हुए बताया कि असलम खान ने BharatAgri के सुझाए गए तरीकों का पालन करते हुए प्याज की खेती की है और प्रति एकड़ 14 टन की उपज हासिल की है. उन्होंने कहा कि यह भारत में औसत उपज से दोगुना है! असलम ने एक एकड़ जमीन से 5.25 लाख रुपये कमाए हैं. उनके पास प्याज के लिए एक और एकड़ है, जिसकी कटाई जल्द ही की जाएगी.
सिद्धार्थ दिआलनी ने असलम खान का वीडियो भी जारी किया है जिसमें असलम बताते हैं कि वह अलवर राजस्थान से हैं और प्याज की उपज भारतएग्री ऐप की मदद से की थी. उन्होंने कहा कि भारतएग्री के डॉक्टरों की सलाह से प्याज की खेती में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद खरीदे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरे एक एकड़ प्याज की खेती में 205 कट्टे निकले हैं. उन्होंने कहा कि प्याज की बिक्री से 5 लाख रुपये के आसपास कमाई हुई है और खेती में खर्चा 1.50 लाख आया है. उन्होंने कहा कि पिछली बार भी मैंने खेती की थी, लेकिन इस बार भारतएग्री की मदद से खाद वगैरह डाले हैं. असलम खान ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अगर वह भी खेती में भारतएग्री की मदद ले सकते हैं.
भारतएग्री के फांउडर ने सिद्धार्थ दिआलनी ने कहा कि भारत में एक औसत किसान प्रति एकड़ लगभग 7 टन प्याज उगाता है. जबकि, कुछ देश प्रति एकड़ 27 टन प्याज उगा रहे हैं. ऐसे में भारतीय किसानों की न केवल आय कम होती है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित होती है. जबकि, कीमतें किसानों के नियंत्रण में नहीं हैं, कम उपज उनकी आय को काफी प्रभावित करती है. कई मामलों में हमें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए खाद्य आयात करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सही खेती पद्धति (farming practice) की जरूरत है. इसके लिए सही बीजों का चयन, सही समय पर खेत की सिंचाई, सही मात्रा में सही उर्वरकों का उपयोग, कीटों और बीमारियों को फैलने से पहले रोकना शामिल है. इन तरीकों पर कोई अलग से किसानों पैसा खर्च करने की जरूरत भी नहीं है.
पश्चिमी देशों में अधिक उपज का प्रबंधन इसलिए किया जाता है क्योंकि उनके पास उन्नत तकनीक और बेहतर खेती के तरीके हैं. हमारे किसानों को उतना सपोर्ट या जानकारी नहीं मिलती है. एमएसपी की मदद के बाद भी किसानों को संघर्ष करना पड़ता है. फिर हम कमी के दौरान प्याज का आयात करते हैं, जो विडंबना है जब हमारे पास इतनी जमीन है. हमें इसे बढ़ावा देने के लिए बेहतर बीज, सिंचाई और शायद किसानों के लिए कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. इस सवाल पर सिद्धार्थ दिआलनी ने कहा कि आधुनिक तकनीकों से संबंधित नॉलेज अब भारतएग्री जैसे ऐप के जरिए उपलब्ध है. इन जानकारियों को अपनाना पूरी तरह से किसानों पर निर्भर है.