Digital Crop Survey : यूपी सहित 12 राज्यों में होगा हर खेत का डिजिटल सर्वे, बन सकेंगी किसान हितैषी नीतियां

Digital Crop Survey : यूपी सहित 12 राज्यों में होगा हर खेत का डिजिटल सर्वे, बन सकेंगी किसान हितैषी नीतियां

यूपी में योगी सरकार ने फसलों के उत्पादन, जमीन की उत्पादन क्षमता और किसानों की उपज का सटीक मूल्यांकन करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर Digital Crop Survey कराने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने यूपी में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने के लिए Master Training Program भी शुरू कर दिया है.

डिजिटल क्रॉप सर्वे के जरिए सरकार के पास हर खेत की होगी डिजिटल जानकारी, फोटो: साभार फ्रीपिक   डिजिटल क्रॉप सर्वे के जरिए सरकार के पास हर खेत की होगी डिजिटल जानकारी, फोटो: साभार फ्रीपिक
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Jul 12, 2023,
  • Updated Jul 12, 2023, 6:20 PM IST

योगी सरकार ने दावा किया है कि डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना आने वाले समय में किसान हितैषी नीतियां बनाने का मूल आधार बनेगी. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों के जीवन में खुशहाली की राह खोलेगा. यूपी सरकार के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इस सप्ताह डिजिटल क्राप सर्वे के तहत जिला एवं तहसील स्तर पर मास्टर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आगाज किया. इसके तहत सर्वे में शामिल होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया गया है. सरकार की दलील है कि इस सर्वे के आधार पर भविष्य में किसानों के हित में योजनाएं बनाने में सुविधा होगी.

ये है डिजिटल क्रॉप सर्वे

योगी सरकार ने यूपी को One Trillion Doller Economy बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य काे हासिल करने में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है. मिश्र ने कहा कि इस लिहाज से यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कृष‍ि क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं. खेती एवं कृष‍ि राजस्व को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ कर ही वन ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पा सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि सर्वे से खेती पर आधारित उद्योग लगाने के लिए कृषि उत्पादों के बारे में समय से सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिसके आधार पर उद्योग लगाना एवं चलाना आसान होगा. इतना ही नहीं, किसानों को बिचौलियों के दखल के बिना ही उनकी उपज को उचित बाजार मिल सकेगा. इस सर्वे से क्षेत्र विशेष में बोई गई फसलों की लागत किसानों को मुहैया कराने के लिए कृषि इनपुट सप्लायर से किसानों को जोड़ने का मौका मिल सकेगा. साथ ही सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर नवोन्मेषी कार्यक्रमों का संचालन भी संभव हो सकेगा.

ऐसे होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे

यूपी में हर साल बोई जाने वाली फसलों का रकबा, उनकी उपज एवं कृष‍ि उपज की बिक्री आदि से जुड़े खेती के आंकड़ों को जुटाने के लिए मौजूदा व्यवस्था में यूपी राजस्व परिषद द्वारा खसरा पड़ताल की Offline Process को अपनाया जाता रहा है. इस व्यवस्था काे डिजिटल बनाने के लिए इसे साल 2020 में पहली बार ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया गया. इसके तहत किसानों की खतौनी के अंश निर्धारण का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है.

इसके लिए केंद्र सरकार ने डीआईएलआरएमपी योजना के अंतर्गत स्कैन किये जाने योग्य नक्शाें को डिजिटल करने का लगभग 98 प्रतिशत काम 2022 में पूरा कर लिया था. इसके बाद यूपी में भी गांवों के डिजिटल नक्शे राजस्व विभाग के भू-नक्शा पोर्टल को सुलभ करा दिए गए. ज्ञात हो कि इन डिजिटल मैप की जियो टैगिंग नहीं होने के कारण ये मैप जिओ रेफरेंस नहीं थे. जबकि केंद्र सरकार की 'पीएम गति शक्ति' एवं 'एग्री स्टैक' जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करने के लिए Gio Reference Digital Map की जरूरत महसूस की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए यूपी में 6 माह पूर्व राजस्व परिषद द्वारा राजस्व ग्रामों के डिजिटल नक्शों की जिओ रेफरेंसिंग का काम इस साल दिसंबर तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ हुआ. फिलहाल यूपी के 36 जिलों के 90 प्रतिशत राजस्व ग्रामों के डिजिटल मैप्स के जियो रेफरेंसिंग का काम पूरा हो गया है.

किसानों को होने वाले लाभ

मिश्र ने बताया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे से किसानों को बहुत जरूरी लाभ मिलेंगे. इनमें किसानों को कृष‍ि उपज बेचने के लिए अब अपने दस्तावेजों का बार बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी. इससे किसानों को अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर बेचना आसान हो जायेगा.

इसके अलावा फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को वास्तविक क्षति का मुआवजा मिलना भी आसान होगा. साथ ही सरकार को यह पता होगा कि किस किसान ने किस खेत में कौन सी फसल लगाई है. इस जानकारी के बलबूते ही किसानों को उनकी फसल के अनुरूप सलाह दी जा सकेगी. बोई गई फसल की वास्तविक उपज के आंकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से Crop Cutting Experiment का भी प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा. इसके जरिए सरकार, आपदा के दौरान फसल को नुकसान होने पर किसानों को राहत या अनुदान का समयबद्ध तरीके से सर्वेक्षण करा सकेगी, जिससे किसानों को राहत वितरण करना संभव हो सकेगा.

सर्वे की रूपरेखा

योगी सरकार का दावा है कि मोबाइल एप एग्री स्टेक यानी Digital Agriculture Public Infrastructure से डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने से जो आंकड़े मिलेंगे, उनकी मदद से किसान हितैषी नीतियां बनाने में आसानी होगी. इस सर्वे में मास्टर ट्रेनर की अहम भूमिका को देखते हुए इनका पुख्ता प्रशिक्षण कराया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस परियोजना के प्रारंभिक चरण में यूपी सहित देश के 12 राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जा रहा है.

इसमें एग्री स्टैक मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों के खसरा की ई-पड़ताल की जा रही है. डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु भारत सरकार द्वारा तैयार किये गए एग्री स्टैक मोबाइल ऐप के Proof of Concept का सफल परीक्षण कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त नेतृत्व में अमेठी जिले की तिलोई तहसील के सराय माधो गांव में गत 16 जून को किया गया.

उल्लेखनीय है कि Agri Stack एक डिजिटल फाउंडेशन है, जो भारत में कृषि में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने और डेटा एवं डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों को बेहतर योजनाएं सुझाता है. इससे कृष‍ि सेवाओं तक किसानों की सुगम पहुंच सुनिश्चित हो सकती है. इस काम को कृषि मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के साथ मिलकर किया जा रहा है.

एग्री स्टैक के शुरुआती दौर में तीन काम होने हैं, इनमें जमीन के दस्तावेजों काे राजस्व विभाग से लिंक करते हुए फार्मर रजिस्ट्री बनाना, गांवों के जिओ रेफ़रेन्स नक्शे यानी Gio Reference Village Map बनाना और रियल टाइम क्रॉप सर्वे करना शामिल है.

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यूपी में डिजिटल क्रॉप सर्वे

मिश्र ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यूपी के कुल 7.87 करोड़ गाटा (खेत) में से 20 प्रतिशत गाटा को सम्मिलित करते हुए 21 जिलों में पूर्ण रूप से और 54 जिलों की 10 राजस्व ग्राम पंचायतों में डिजिटल क्राप सर्वे किया जायेगा. इसके बाद आने वाले सालों में राज्य के सभी जिलों में समग्र रूप से सर्वे किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि पहले चरण में यूपी के जिन 21 जिलों को सर्वे में शामिल किया गया है उनमें भदोही, संत कबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया एवं गोरखपुर शामिल हैं. इन जिलों के सभी राजस्व गांवों में शत प्रतिशत जिओ रेफ़रन्स आधारित खेतों का खरीफ-2023 एवं रबी-2023-24 में खसरावार डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है. शेष 54 जिलों मे 10-10 राजस्व गांव चयनित किए जाएंगे, जिनमें डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जायेगा.

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