यूपी में तेजी से छोटे डैम-तालाब बनाने के निर्देश, मछली पालन-सिंघाड़े की खेती से रोजगार बढ़ाने की तैयारी

यूपी में तेजी से छोटे डैम-तालाब बनाने के निर्देश, मछली पालन-सिंघाड़े की खेती से रोजगार बढ़ाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में जल संकट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटे बांध और तालाब निर्माण को जन आंदोलन बनाने का निर्देश दिया. सीएम ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक 6,448 छोटे बांधों का निर्माण होने से 1.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता पैदा हुई है.

Uttar Pradesh PondUttar Pradesh Pond
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 04, 2025,
  • Updated Oct 04, 2025, 8:52 PM IST

उत्तर प्रदेश में बढ़ती जल संकट की चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जल संरक्षण के लिए बन रहे छोटे बांधों और तालाबों के निर्माण और पुनरुद्धार को 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की तरह जन आंदोलन में बदला जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे जल संरचनाएं देश के लिए जरूरी हैं और बड़े बांधों की तुलना में ये सस्ते, प्रभावी और भूजल संवर्धन में ज्‍यादा मददगार हैं.  मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में जानकारी दी कि राज्य में अब तक 6,448 छोटे बांधों का निर्माण किया गया है.

इससे 1.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता पैदा हुई है और सालाना 10,000 हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल पुनर्भरण हो रहा है. इसके अलावा, 2022-23 से अब तक 1,002 बांधों की सफाई और 16,610 तालाबों में से 1,343 का पुनर्विकास किया गया है. 2017 से 2025 के बीच 6,192 ब्लास्ट कूप का निर्माण किया गया, जिससे 18,576 हेक्टेयर में सिंचाई संभव हुई है.

कुम्हारों को फ्री में मिट्टी दी जाएगी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि माटी कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ्त मिट्टी लेने की अनुमति दी जाए, ताकि मॉनसून से पहले तालाब तैयार किए जा सकें और बाद में इन तालाबों में मछली पालन और स‍िंंघाड़ा की खेती कर रोजगार सृजन किया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में वर्षा जल संचयन अनिवार्य होना चाहिए, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में जल संरक्षण संभव हो.

उन्होंने बताया कि 2017 तक राज्य में 82 अधिक दोहन वाले और 47 गंभीर भूजल क्षेत्र थे, लेकिन निरंतर प्रयासों से 2024 तक यह संख्या 50 और 45 रह गई है, जो संतोषजनक उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में ऐसे सभी क्षेत्रों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए प्रयास तेज़ करने होंगे.

सामूहिक भागीदारी बढ़ाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान ने वृक्षारोपण को जन आंदोलन में बदला, उसी तरह छोटे बांधों और तालाबों का निर्माण भी बड़े पैमाने पर सामूहिक भागीदारी से होना चाहिए. इससे न केवल जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि कृषि, मछली पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बढ़ावा मिलेगा.

व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर जिले में सभी तालाबों, ब्लास्ट कूप और छोटे बांधों का फोटो दस्तावेजीकरण सुनिश्चित किया जाए और सोशल मीडिया और स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की जल संरक्षण और भूजल संवर्धन की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि सक्रिय जनता की भागीदारी से उत्तर प्रदेश पूरे देश के लिए सफलता का उदाहरण पेश करेगा.

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