यूपी कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए बनाया रोडमैप, काला नमक से लेकर मिलेट्स तक का प्लान तैयार

यूपी कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए बनाया रोडमैप, काला नमक से लेकर मिलेट्स तक का प्लान तैयार

अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने आगे बताया कि फसल मौसम सतर्कता समूह की साप्ताहिक/पाक्षिक बैठकों के माध्यम से किसानों को मौसम और कृषि संबंधित संस्तुतियां पहुंचाई जा रही हैं.

खेती के लिए उन्नत किस्मों की पहचान और शस्य तकनीकी का इस्तेमाल-  डॉ. संजय सिंह (Demo Pic)खेती के लिए उन्नत किस्मों की पहचान और शस्य तकनीकी का इस्तेमाल- डॉ. संजय सिंह (Demo Pic)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 25, 2024,
  • Updated Jul 25, 2024, 3:43 PM IST

UP News: उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (UPARC) के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने विश्व बैंक पोषित सोडिक लैण्ड परियोजना और कृषि विविधीकरण परियोजना के प्रभावी परिणामों को बताया कि जो उपकार के माध्यम से संचालित की गई थी. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बाह्य संस्थाओं द्वारा वित्त पोषित आत्मा परियोजना, मैक्रोमोड परियोजना और आरकेवीवाई की गतिविधियों पर चर्चा की गई है. डॉ. सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश कृषि नीति, कृषि विश्वविद्यालय मेरठ, और पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा की स्थापना के प्रस्ताव भी तैयार किए गए हैं.

काला नमक चावल की दो नवीन प्रजातियों का विकास

अनुसंधान के क्षेत्र में उपकार द्वारा किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर क्षेत्र विशेष की शोध प्राथमिकताओं पर परियोजनाओं का सतत वित्त पोषण किया जा रहा है. उन्होंने काला नमक चावल की दो नवीन प्रजातियों का विकास और विभिन्न कृषि यंत्रों के विकास की जानकारी दी, जो भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ और कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के सहयोग से किए गए हैं.

बुंदेलखंड क्षेत्र में खरीफ प्याज की खेती को प्रोत्साहन

पेठा उद्योग के लिए पेठा कद्दू की उन्नत किस्मों का विकास, कछार क्षेत्र में उच्च उत्पादकता वाली सब्जियों की किस्मों का मूल्यांकन और आम में अनियमित फलन प्रबंधन के कार्यों पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा, बुंदेलखंड क्षेत्र में खरीफ प्याज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उन्नत किस्मों की पहचान और उनकी शस्य तकनीकी का मानकीकरण भी किया गया है.

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह

उत्तर प्रदेश में मिलेट्स/पौष्टिक अनाज की खेती, प्रसंस्करण और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम‘ के अंतर्गत मिलेट्स से संबंधित 10 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है.

एग्रीकल्चर इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना

अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने आगे बताया कि फसल मौसम सतर्कता समूह की साप्ताहिक/पाक्षिक बैठकों के माध्यम से किसानों को मौसम और कृषि संबंधित संस्तुतियां पहुंचाई जा रही हैं. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कृषि शिक्षा में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर भी चर्चा की गई, जिसमें एग्रीकल्चर इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना, छात्रों की प्रवेश संख्या में वृद्धि, शिक्षकों के रिक्त पदों को भरना, और नए कोर्स का संचालन शामिल है. परिषद द्वारा विभिन्न विषयों पर आयोजित की जाने वाली कृषि कांग्रेस, संगोष्ठी, कार्यशाला, वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई, जिनसे प्राप्त संस्तुतियों को क्रियान्वयन हेतु संबंधित विभागों को प्रेषित किया जाता है.

 

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