मध्यप्रदेश में इन दिनों विकास यात्रा चल रही है. इस यात्रा में प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र के सतत विकास पर जोर दिया गया है. विकास यात्रा में कृषि क्षेत्र के विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके लिए मध्य प्रदेश में अमृत सरोवर योजना चलाई जा रही है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में 5 हजार से अधिक तालाब का निर्माण कराया जा रहा है जिससे प्रदेश के किसानों को कई लाभ होंगे. आइए इस योजना को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि इस योजना के तहत किसानों को किस तरह से लाभ होगा.
देश में अमृत सरोवर योजना चलाई जा रही है जिसमें मध्यप्रदेश में 1 हजार करोड़ की लागत से 5 हजार से अधिक तालाब बनाए जाएंगे. इसके अलावा पहले बने तालाबों की साफ-सफाई और गहरी करण भी कराया जाएगा. यह योजना देश भर में 15 अगस्त 2023 तक चलाई जाएगी जिसमें हर जिले में 75-75 तालाबों का निर्माण कराए जाने का लक्ष्य है. साथ ही पुराने जलाशयों को फिर से जीवित किया जाएगा.
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कहा जाता है कि किसानों का सबसे बड़ा मित्र पानी होता है. जल की कमी होने पर अनाजों की पैदावार होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. कई बार सही समय पर बरसात न होने पर किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है. इसलिए किसानों को जल आपूर्ति करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास और योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी तरह से देश में अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की गई है जिसके अंतर्गत देश के हर जिले में 75- 75 तालाबों का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है.
इस योजना से किसानों को खेतों की सिंचाई करने के लिए समय से पानी उपलब्ध हो सकेगा. जिसके कारण सूखा और अकाल जैसी समस्याओं से निपटा जा सकेगा. गांव के गरीब किसानों के खेती के अलावा मछली पालन जैसे कई रोजगार के साधन भी मिलेंगे. समय पर खेतों की सिंचाई होने पर पैदावार मनमुताबिक मिलेगी जिससे खेती पर निर्भर रहने वाले किसानों की आय में इजाफा हो सकता है. पानी की समस्या से खेती से दूर हो रहे किसानों का जुड़ाव फिर खेती की ओर होगा और देश में अनाजों की उपज बढ़ने के साथ-साथ खेती का रकबा भी बढ़ेगा.