तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिना मौसम बारिश से हुए फसली नुकसान के लिए 112.72 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी. सरकार इस रकम का इस्तेमाल उन किसानों को मुआवजा देने के तौर पर करेगी, जिनकी फसलें हालिया बारिश में बर्बाद हो गई हैं. जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी के पहले हफ्ते में तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश हुई जिससे फसलों का भारी नुकसान हुआ. यहां तक कि खेतों में धान की खड़ी फसल चौपट हो गई. इन फसलों की भरपाई के लिए सरकार ने 112.72 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
इस बड़ी राशि का उपयोग प्रदेश के 1,33,907 किसानों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा. इन किसानों में बड़ी तादाद में धान के किसान शामिल हैं जिनकी फसल कटने से पहले बारिश की भेंट चढ़ गई. प्रदेश के 93,874 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बिना मौसम बारिश से फसलों का नुकसान हुआ है. यह नुकसान 33 फीसद से अधिक है और प्रदेश के नौ जिले इसके प्रभाव में आए हैं.
मुआवजे की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फौरन पैसे जारी किए जाएं और प्रभावित किसानों के खाते में नकदी जमा कराई जाए. मुआवजे का पैसा लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन जारी करने का निर्देश दिया गया.
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मुआवजा जारी होने से पहले मुख्यमंत्री ने रेवेन्यू और कृषि विभाग के अधिकारियों को फसल नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया था. इस आधार पर अरियालूर, मयिलादुथुरई, नागपट्टिनम, पुदुकोट्टई, शिवगंगा, थाजावुर, तिरुवरुर, तिरुचिरापल्ली और मदुरै फसली नुकसान का आकलन किया गया. इसमें पता चला कि 93,874 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक रिलीज ने कहा गया है कि धान उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और अन्य फसलों को 3,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा. किसानों को यह राशि राज्य आपदा राहत कोष और राज्य निधि के माध्यम से प्रदान की जाएगी.(PTI)