केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चला रही है. खरीफ सीजन में करीब 9 करोड़ किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. अक्टूबर 2024 से से किसानों को रबी फसलों का बीमा कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जा रहा है. फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों के लिए योजना के तहत बीमा कराने की आज यानी 15 जनवरी लास्ट डेट है.
पीएम फसल बीमा योजना की ओर से किसानों से कहा गया है कि फसल बीमा न केवल प्राकृतिक आपदाओं से आपकी फसलों की सुरक्षा करता है बल्कि आपको कई प्रकार की चुनौतियों और आर्थिक संकट से भी बचाता है. फसल बीमा आपकी आर्थिक प्रगति एवं आपके सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला रखने में भी सहायक होता है. इसलिए किसान अपनी फसलों का बीमा जरूर कराएं.
कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन (KRPH) 14447 पर कॉल करें अथवा व्हाट्सऐप चैट बॉट नंबर 7065514447 पर मैसेज भेजें.
फसल बीमा योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए https://pmfby.gov.in पर जाएं.
किसान फसल बीमा करने के लिए क्रॉप इंश्योरेंस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों को 3 आसान तरीके बताए गए हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को रबी सीजन की बुवाई की शुरुआत के साथ ही किसानों को फसल बीमा कराने की सलाह दी है. किसान न्यूनतम प्रीमियम दर पर फसल बीमा करवा कर अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं. मंत्रालय ने रबी फसलों और बागवानी फसलों के बीमा के लिए प्रीमियम खरीफ की तुलना में कम है.
पीएम फसल बीमा योजना के अनुसार रबी सीजन में उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के किसान गेहूं फसल का बीमा कराते हैं तो 2 हेक्टेयर फसल के लिए यूनीवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी (UNIVERSAL SOMPO GENERAL INSURANCE COMPANY) को किसान सम इंश्योर्ड की 1.5 फीसदी राशि यानी 2154 रुपये प्रीमियम यानी बीमा की किस्त चुकाएंगे. जबकि, बाकी 2.5 फीसदी रकम केंद्र और राज्य सरकार बीमा कंपनी को चुकाएंगी. फसल का बीमा होने के बाद अगर फसल का नुकसान होता है तो किसान को अधिकतम 1,43,600 रुपये मुआवजे के रूप में मिलेंगे. फसल नुकसान आकलन के हिसाब से मुआवजा राशि में अंतर हो सकता है.