हरियाणा में 3.36 लाख किसान ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana) के लाभार्थी हैं, पर उनकी जमीन का अभी तक वेरिफिकेशन नहीं हुआ है. हरियाणा में ऐसे किसान पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपनी जमीन का रिकॉर्ड वेरिफाई नहीं कराया है. इसे तकनीकी भाषा में लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन (Land Record Verification) कहते हैं. हालांकि छह महीने पहले ही इस बाबत हरियाणा सरकार ने इन किसानों को निर्देश दे दिया था, पर अभी तक वेरिफिकेशन का काम पूरा नहीं हो सका है.
जिलावार रिकॉर्ड देखें तो अंबाला 5073, भिवाणी में 44,725, चरखी दादरी में 13,656, फरिदाबाद में 2,431, फतेहाबाद में 18,508, गुरुग्राम में 3,450, हिसार में 24,066, झज्जर में 37,560, जींद में 26,048, कैथल 11,625, करनाल में 9,965, कुरुक्षेत्र में 9,166, महेंद्रगढ़ में 9,572, मेवात में 37,650, पलवल में 11,655, पंचकूला में 1,705, पानीपत में 6,264, रेवाड़ी में 4,834, रोहतक में 21,124, सिरसा में 20,583, सोनीपत में 12,852 और यमुना नगर में 3,794 लैंड रिकॉर्ड अभी तक वेरिफाई (Land Record Verification) नहीं हो सके हैं. इसकी कुल तादाद 3,36,306 है.
'दि ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट बताती है, हरियाणा में कुल 19,00,492 किसानों में लगभग 17.69 फीसद किसान इस स्कीम में नामांकित हो चुके हैं. हर जिले में बने कृषि विभाग के स्थानीय दफ्तरों में लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन का काम होता है. कृषि विभाग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन के लिए जिलों में कैंप लगाता है और किसानों को इसके लिए जागरूक करता है.
सूत्रों के मुताबिक जिन किसानों ने लैंड रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन नहीं कराया है, वे किसान सम्मान निधि के लिए अयोग्य घोषित हो सकते हैं, पर उन्हें अभी लाभ मिल रहा है. सरकार ने इन किसानों को चेतावनी दी है कि रिकॉर्ड वेरिफाई नहीं कराने पर सम्मान निधि का उन्हें फायदा नहीं मिलेगा. दो महीने बाद सम्मान निधि की अगली किस्त जारी होने वाली है.
Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana को केंद्र सरकार ने 2019 में शुरू किया था. इसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय मदद देकर सहायता पहुंचाना है. इसमें किसानों को हर साल 6,000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. नियम के मुताबिक, इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में वेरिफाई हो चुकी है.
इसमें किसानों की श्रेणी में कुछ अपवाद भी रखे गए हैं. किसान इनकम टैक्स नहीं भरता हो, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं हो. किसान 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन नहीं लेता हो. केंद्र सरकार की ओर से अभी तक किसानों के खाते में प्रति 2,000 रुपये की 12 किस्तें जारी हो चुकी हैं. अंतिम किस्त इस साल अक्टूबर में जारी की गई थी.
एक अधिकारी ने 'दि ट्रिब्यून' को बताया कि प्रदेश में कई किसान अयोग्य होते हुए भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं. इस कमी को दूर करने के लिए सरकार उनके लैंड रिकॉर्ड को वेरिफाई कर रही है. अगर इस स्कीम का लाभ किसी किसान को नहीं मिल रहा है, तो वजह ये हो सकती है कि उसकी जमीन का रिकॉर्ड वेरिफाई नहीं हो सका है.