लंपी से सबसे ज्यादा इन 5 राज्यों में हुई है गायों की मौत, पढ़ें लिस्ट  

लंपी से सबसे ज्यादा इन 5 राज्यों में हुई है गायों की मौत, पढ़ें लिस्ट  

गायों को लंपी बीमारी से बचाने के लिए देशभर में टीकाकरण भी चल रहा है. लोकसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक देश के 9 राज्य  ऐसे हैं जहां 90 से लेकर 100 फीसद तक गायों का टीकाकरण हो चुका है. 6.50 करोड़ गायों को टीका लगाया जा चुका है.

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लंपी से सबसे ज्यादा इन 5 राज्यों में हुई है गायों की मौत, पढ़ें लिस्ट  गायों का प्रतीकात्मक फोटो.

देश की गाय इस वक्त‍ जिस खतरनाक बीमारी से जूझ रही हैं उसका नाम लंपी स्किन रोग है. इस बीमारी के चलते जहां गाय तड़फ रही हैं, वहीं उनकी मौत भी हो रही है. मंगलवार को लोकसभा में भी लंपी बीमारी के चलते गायों के हालात पर सवाल उठाया गया. सदन में गायों की मौत, बीमारी से प्रभावित गायों की संख्याा और ठीक होने वाली गायों का आंकड़ा रखा गया है. आंकड़ों के मुताबिक देशभर में लंपी के चलते 1.56 लाख गायों की मौत हो चुकी है. इसमे से तीन राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से ज्यादा गाय लंपी के चलते दम तोड़ चुकी हैं. 

गायों को लंपी बीमारी से बचाने के लिए देशभर में टीकाकरण भी चल रहा है. लोकसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक देश के 9 राज्य  ऐसे हैं जहां 90 से लेकर 100 फीसद तक गायों का टीकाकरण हो चुका है. 6.50 करोड़ गायों को टीका लगाया जा चुका है. जबकि लंपी बीमारी से बचाने को टीकाकरण के लिए चिन्हित की गईं गायों की संख्या 8.71 करोड़ है. 

वो राज्य जहां लंपी बीमारी से सबसे ज्या‍दा गायों की मौत हुई  

राजस्थान- 
प्रभावित गाय- 15.72 लाख 
गायों की मौत हुई- 75.8 हजार
गाय जो लंपी से ठीक हुईं- 14.38 लाख 

महाराष्ट्र - 
प्रभावित गाय- 3.54 लाख 
गायों की मौत हुई- 24.8 हजार
गाय जो लंपी से ठीक हुईं- 2.71 लाख 

पंजाब- 
प्रभावित गाय- 1.74 लाख 
गायों की मौत हुई- 18 हजार
गाय जो लंपी से ठीक हुईं- 1.27 लाख 

हिमाचल प्रदेश-
प्रभावित गाय- 1.36 लाख 
गायों की मौत हुई- 11 हजार
गाय जो लंपी से ठीक हुईं- 1 लाख 

गुजरात-
प्रभावित गाय- 1.76 लाख 
गायों की मौत हुई- 6193
गाय जो लंपी से ठीक हुईं- 1.70 लाख 

वो 9 राज्य जहां 90 से 100 फीसद टीकाकरण हुआ 

गुजरात- 100 फीसद

उत्तर प्रदेश- 99 फीसद

जम्मू-कश्मीर- 98 फीसद

तमिलनाडू- 96 फीसद

उत्तराखंड-95 फीसद

मध्य प्रदेश- 94 फीसद

महाराष्ट्र - 94 फीसद

गोवा- 91 फीसद

हरियाणा- 90 फीसद 

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