तकनीक का कमाल: अब बाजरा से बनेगा चावल, सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ स्वाद में लाजवाब होगा

तकनीक का कमाल: अब बाजरा से बनेगा चावल, सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ स्वाद में लाजवाब होगा

बाजरा भारत की परंपरागत फसल है, जिसे मोटा अनाज भी कहते हैं. पहले हमारे पूर्वज बाजरे जैसे मोटा अनाज ही खाते हैं. बाजरे में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन ई, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम और जस्ता सहित कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यही वजह है कि बाजरा का सेवन करने से शरीर मजबूत होता है.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 19, 2023,
  • Updated Nov 19, 2023, 3:09 PM IST

भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईएमआर) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से बाजरे से चावल बनाया जा सकता है. खास बात यह है कि बाजरे से बने चावल में प्रयाप्त मात्रा में पोषक तत्व और फाइबर पाया जाता है. इस तकनीक से चावल बनाने के लिए पहले बाजरे का पाउडर बनाया जाता है और इसके बाद उसे चावल का रूप दिया जाता है. खास बात यह है कि बाजरे से बने चावल को खाने से स्वास्थ्य को बहुत अधिक फायदा होता है. साथ ही इसे पकाने में 20 प्रतिशत कम समय लगता है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट की मुताबिक, आईसीएआर-आईआईएमआर के इस प्रयास से मोटे आनाज का चलन धीरे- धीरे बढ़ेगा. साथ ही चावल प्रेमी भी बाजरे के चावल की वजह से मोटे अनाज का सेवन कर सकेंगे. ऐसे में चावल प्रेमियों को मोटे अनाज में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व और विटानिमि मिलेगा. वहीं, न्यूट्रिहब के सीईओ बी दयाकर राव ने कहा कि फिलहाल इस तकनीक की मदद से 6 महीने तक बाजरे से चावल बनाया जाएगा. लेकिन हम इसे और आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि संस्थान ने कोदो बाजरा से भी बाजरा चावल बनाने के लिए तकनीक विकसित की है.

वैश्विक बाजरा उत्पादन में 20 फीसदी हिस्सेदारी है

बी दयाकर राव ने कहा कि हमने कोदो बाजरा के साथ प्रयोग किया है. उसी विधि को अन्य बाजरा से चावल का उत्पादन करने के लिए लागू किया जा सकता है. आने वाले समय में यह गेम चेंजर साबित होने वाला है, क्योंकि इससे चावल प्रेमियों का दिल जीतने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाजरा को प्रोसेस्ड करके चावल में परिवर्तित किया जाता है. इसलिए इसे पकाने का समय 20 प्रतिशत कम हो जाएगा. बी दयाकर राव ने फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) की महिला उद्यमियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका 19 प्रतिशत क्षेत्र बाजरा के अंतर्गत आता है. यही वजह है कि भारत का वैश्विक बाजरा उत्पादन में 20 फीसदी हिस्सेदारी है.

ये भी पढ़ें- ओडिशा में आलू की खेती के लिए शुरू की गई पायलट परियोजना पर लगाई गई रोक, OCSA ने बतायी यह वजह

400 बाजरा-आधारित स्टार्टअप शुरू किए हैं

आईसीएआर-आईआईएमआर की निदेशक तारा सत्यवती ने कहा कि र्तमान में हम केवल कैलोरी खा रहे हैं. हमें अधिक पौष्टिक भोजन खाने की जरूरत है. बाजरा के साथ, हम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ रहे हैं. उनकी माने तो न्यूट्रिहब ने पिछले पांच वर्षों में 400 बाजरा-आधारित स्टार्टअप शुरू किए हैं.

ये भी पढ़ें- Agriculture News Live: सुरंग हादसे को लेकर बैठक के बाद बोले गडकरी, पीड़ितों को जिंदा रखना ऑपरेशन की पहली प्राथमिकता है

 

MORE NEWS

Read more!