Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-Kisan) scheme देश के छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये देती है. यह राशि साल में तीन किस्तों में दी जाती है. हर किस्त 2,000 रुपये की होती है. अभी हाल में 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम से किसानों के नाम 18वीं किस्त जारी की. इसमें 9.5 करोड़ किसानों के खाते में 2,000 रुपये जमा कराए गए. इस तरह प्रधानमंत्री ने कुल 20,000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से जारी की. इससे पहले पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त 18 जून, 2024 को जारी की गई थी. उस वक्त तकरीबन 9.25 करोड़ किसानों के खाते में पैसा जमा कराया गया था.
 इस स्कीम के आप लाभार्थी हैं और आपके खाते में पैसे आते रहे हैं, लेकिन इस बार नहीं आए तो आपको PM Kisan List 2024 ऑनलाइन देख लेना चाहिए. इस लिस्ट से आपको पता चल जाएगा कि पीएम किसान की लाभार्थी सूची में आपका नाम है या नहीं. अगर लाभार्थी सूची (बेनेफिशियरी लिस्ट) में नाम नहीं है तो आपको पीएम किसान स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. इस लिस्ट को देखने के लिए आपको नीचे बताए गए 5 स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
 - ऑफिशियल पीएम किसान वेबसाइट पर जाएं.
  - होमपेज पर 'बेनेफिशियरी लिस्ट' का ऑप्शन दिखेगा जिसमें 'फार्मर्स कॉर्नर' सेक्शन पर क्लिक करें.
  - अगले पेज पर जाएं. राज्य, जिला, सब-डिस्ट्रिक्ट, ब्लॉक और गांव को सलेक्ट करें.
  - 'गेट रिपोर्ट' बटन पर क्लिक करें.
  - आपके स्क्रीन पर पीएम किसान लिस्ट दिखाई देगी. उसमें अपना नाम चेक कर लें.
 
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 पीएम किसान स्कीम की योग्यता
 - पीएम किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के लिए पात्रता इस प्रकार है-
  - आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए.
  - आवेदक पेशे से किसान होना चाहिए.
  - केवल छोटे और सीमांत किसान ही इस योजना के लिए पात्र हैं.
  - किसानों के पास खेती योग्य जमीन होनी चाहिए और जमीन उनके नाम पर पंजीकृत होनी चाहिए.
  - गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र हैं.  
 
PM-Kisan scheme के लाभ
 - इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलेंगे, जो 2,000 रुपये की तीन किस्तों में दिए जाएंगे. 
  - नियमित रूप से राशि का वितरण एक नियमित आय सुनिश्चित करता है, जिससे किसानों को अपने खर्चों को संभालने में मदद मिलती है. 
  - पीएम किसान के पैसे से किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक और उपकरण जैसे जरूरी कृषि इनपुट खरीदने में मदद मिलती है. 
  - यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के सामने आने वाले आर्थिक तनाव को कम करती है, जिससे उन्हें अपनी खेती में खर्च करने की आजादी मिलती है. 
  - खेती में खर्च बढ़ने से बेहतर पैदावार और बेहतर क्वालिटी वाली उपज मिलती है. 
  - डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाए, जिससे देरी की संभावना कम हो जाती है.  
 
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