हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नए चुने गए पटवारियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग की अवधि डेढ़ साल से कम कर एक साल करने की घोषणा की. साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा की अब से ट्रेनिंग की अवधि भी पटवारी की नौकरी में शामिल होगी. विभाग में जॉइनिंग के दिन से ही पटवारी की सेवाएं शुरू हो जाएंगी. यानी पटवारियों को ट्रेनिंग के भी पैसे मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने नए पटवारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब प्रदेश में पहली बार एक साथ 2605 नए पटवारियों की भर्ती की गई है.
मुख्यमंत्री ने सभी पटवारियों से आह्वान करते हुए कहा कि वे सभी ईमानदारी और पारदर्शिता के रास्ते पर चलते हुए जनता के साथ संपर्क बनाएं और आम लोगों की समस्याओं का तेजी से समाधान करें. उन्होंने पटवारियों को नई तकनीक अपनाते हुए प्रशासनिक काम को तेज करने का निर्देश दिया.
पहले की सरकारों में हरियाणा में नौकरियों में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान सरकारी नौकरियों की लिस्ट जारी होने से पहले ही अखबारों की हेडलाइन बन जाती थी. ऐसी व्यवस्था से पात्र युवा नौकरी से वंचित रह जाता था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस व्यवस्था को बदलने का काम वर्तमान राज्य सरकार ने किया है.
सीएम सैनी ने कहा, आज प्रदेश में बिना खर्ची-पर्ची के गरीब परिवार का युवा मेरिट के आधार पर एचसीएस भर्ती हो रहा है. अब किसी भी युवा को नौकरी के लिए किसी एमएलए या मंत्री के दरबार में हाज़िरी नहीं लगानी पड़ती. वर्तमान सरकार ने नौकरियों में पारदर्शी भर्ती सिस्टम खड़ा करके युवाओं की मेहनत को सम्मान दिया है. मेरिट के आधार पर खर्ची-पर्ची के बिना नौकरी का यह अधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने उपलब्ध करवाया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान वायदा किया था की दोबारा शपथ लेने से पहले 24,000 युवाओं को सरकारी नौकरी जॉइन करवाएंगे और इस वादे को उन्होंने निभाया. उन्होंने कहा कि आज युवाओं में भी विश्वास जगा है कि नौकरी किसी के चक्कर काटने से नहीं बल्कि पढ़ने से मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा जैसे अत्यधिक बारिश, ओलावृष्टि, सूखा आदि में किसानों को राहत दिलाने में पटवारी की बड़ी अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब पात्र किसान को फसल नुकसान का मुआवज़ा नहीं मिलता था, जबकि अपात्र लोग मुआवज़ा ले जाते थे. आज के डिजिटलीकरण के युग में ड्रोन और सैटेलाइट आदि की भी सुविधा है. उन्होंने कहा कि फसल नुकसान की स्थिति में पटवारी का दायित्व है कि सही आंकड़े सरकार को दे ताकि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा समय पर मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटवारियों को मिली यह जिम्मेदारी एक नौकरी नहीं है बल्कि एक सेवा है. उन्होंने पटवारियों से उम्मीद जताते हुए कहा कि उनकी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि हरियाणा का भूमि का रिकॉर्ड देश में वन ऑफ द बेस्ट लैंड रिकॉर्ड है, लेकिन उसके अंदर रेगुलर चेंज करने का काम हरियाणा सरकार कर रही है. इस काम में पटवारी की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हरियाणा सरकार ने पात्रता और काबिलियत पर आपको चुनने का काम किया है उसी तरीके से आप जब जनता के बीच में जाएं तो इसी ईमानदारी, मेहनत से और निष्पक्षता से जनता को फायदा पहुंचाने का काम करें.
उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत गांव के अंदर जितने भी लाल डोरा की भूमि और अन्य भूमि थी, उसका मालिकाना हक़ देने का काम भी सरकार कर रही है. इसमें भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पटवारियों की होगी ताकि पात्र लोगों तक सही तरीके से लाभ पहुंच सके. मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 1.71 लाख नौकरियां पारदर्शिता के आधार पर युवाओं को दी गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी नव नियुक्त पटवारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नॉनस्टॉप हरियाणा के विज़न को आगे बढ़ाते हुए उसे गति देने का काम करेंगे.