आज की कमर तोड़ महंगाई के दौर में सब्जी, दाल, चावल, रोटी और मीठे में खीर मिल जाए, वो भी मात्र 10 रुपये में तो क्या आप यकीन करेंगे? आप यकीन करें या ना करें लेकिन ये सच है. रोहतक की मंडी में मात्र 10 रुपये में सब्जी, दाल, चावल, रोटी, खीर तो कभी-कभी पूड़ी भी मिल रही है. गेहूं के सीजन में हरियाणा की अनाज मंडियों में किसान कैंटीन के माध्यम से 10 रुपये में भर पेट भोजन मिल रहा है. रोहतक अनाज मंडी में किसान 10 रुपये में शानदार भोजन का आनंद ले रहे हैं. एक सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से 10 महिलाएं इस कैंटीन में खाना पकाती हैं. यहां के किसान भी मात्र 10 रुपये में खाना खाकर खुश हैं.
इस कैंटीन का संचालन सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं कर रही हैं. मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी इस कैंटीन के संचालन पर नजर रखेंगे. अटल कैंटीन हालांकि वैसे तो पूरे साल खुली रहती है, लेकिन जब धान और गेहूं का सीजन आता है तो यहां पर किसानों और मजदूरों के लिए 10 रुपये थाली कर दी जाती है. सीजन समाप्त होने पर कैंटीन में लोगों को 20 से 30 रुपये थाली मिलती है.
ये भी पढ़ें: किसानों पर मौसम की मार, बारिश-ओलावृष्टि के बाद अब कीट के प्रकोप की संभावना
किसानों और मजदूरों के लिए यह कैंटीन अप्रैल और मई महीने तक चलती रहेगी और मार्केटिंग बोर्ड की ओर से कैंटीन को भोजन का भुगतान किया जाएगा. अगर किसानों और मजदूरों के खाने पर अतिरिक्त खर्च होता है, तो पूरा खर्च मार्केटिंग बोर्ड भरेगा. कैंटीन में किसानों और मजदूरों के बैठने की भी व्यवस्था की गई है. इस कैंटीन में पीने का पानी और शौचालय आदि की भी व्यवस्था की गई है. फिलहाल कैंटीन में 300 के करीब लोग प्रतिदिन आ रहे हैं.
इस कैंटीन में किसानों को 10 रुपये में एक दाल, एक सब्जी, चार चपाती और चावल दिए जाएंगे. इस कैंटीन में गैस, बर्नर, चिमनी, फ्रिज, सीसीटीवी कैमरा, बिलिंग मशीन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. टोकन लेकर किसान और मजदूर भोजन कर सकेंगे.
ये भी पढ़ें: Punjab News: किसानों के लिए अच्छी खबर, धान के मौसम में बिना किसी बाधा के बिजली सप्लाई मिलेगी
सरकार द्वारा किसानों और मजदूरों की सुविधा के लिए अटल कैंटीन खोलने का निर्णय लिया गया था. अप्रैल महीने से मई तक किसानों और मजदूरों को यहां पर 10 रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा. कैंटीन में सभी प्रकार सुविधाएं मिलेंगी. वही कैंटीन चलाने वाली महिलाओं का कहना है कि वे मेहनत तो पूरी करती हैं, लेकिन उन्हें नाममात्र पैसे मिलते हैं.
सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं ने कहा कि सरकार इस कैंटीन को न केवल सीजन में बल्कि पूरे वर्ष तक चलाए ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके. वही कैंटीन में खाना खाने आए किसानों का कहना है कि कैंटीन में क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है और वे 10 रुपये में खाना खाकर तृप्त हो रहे हैं. उन्हें खाना भी बेहतर मिल रहा है.