सूखे की मार के बाद भी धान से भरा सरकारी भंडार, अब तक 87 फीसदी खरीद पूरी

सूखे की मार के बाद भी धान से भरा सरकारी भंडार, अब तक 87 फीसदी खरीद पूरी

खरीफ का सीजन एक अक्टूबर से शुरू हुआ जो 31 मार्च तक चलेगा. इस लिहाज से अभी खरीफ चावल की खरीद जारी है जिससे चावल का स्टॉक और भी बढ़ने की संभावना है. एक अक्टूबर से एक फरवरी तक के चार महीनों में सरकार ने 43.73 लाख टन चावल की खरीद की है जिसका मूल्य 1.36 लाख करोड़ रुपये है.

देश के कई राज्यों में सरकारी रेट पर धान की खरीद जारी हैदेश के कई राज्यों में सरकारी रेट पर धान की खरीद जारी है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 08, 2023,
  • Updated Feb 08, 2023, 12:10 PM IST

केंद्र सरकार ने खरीफ चावल की खरीद में 85 फीसद तक अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है. एक अक्टूबर से एक फरवरी के बीच खरीफ चावल की खरीद के लक्ष्य को 85 फीसद तक हासिल कर लिया गया है. इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि केंद्र सरकार पिछले साल की तरह इस साल भी चावल खरीद के टारगेट को आसानी से हासिल कर लेगी. खरीफ सीजन के अंत तक चावल की खरीद जारी रहेगी. इससे उम्मीद बनती है कि जो अभी 85 फीसद तक खरीद हुई हुई है, उसमें और भी वृद्धि देखने को मिलेगी. अधिक चावल की खरीद होने से लोगों में अनाज बांटना आसान होगा और इसकी कमी नहीं आएगी.

खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश में लोगों को राशन और अन्य योजनाओं में अनाज बांटा जाता है. चावल की खरीद अधिक होने से अनाज वितरण में सुविधा होगी. चावल के साथ गेहूं की बंपर पैदावार भी इसमें बड़ी मदद करेगी. खरीफ का सीजन एक अक्टूबर से शुरू हुआ जो मार्च तक चलेगा. इस लिहाज से अभी खरीफ चावल की खरीद जारी है जिससे चावल का स्टॉक और भी बढ़ने की संभावना है. एक अक्टूबर से एक फरवरी तक के चार महीनों में सरकार ने 43.73 लाख टन चावल की खरीद की है जिसका मूल्य 1.36 लाख करोड़ रुपये है.

चार महीने में कितनी हुई खरीद

पिछले साल इन्हीं चार महीनों में सरकार ने 43.59 लाख टन चावल की खरीद की थी. पूरे खरीफ सीजन में एक अक्टूबर से एक मार्च तक 52.1 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है. अभी तक 87 लाख किसानों ने केंद्र सरकार की धान खरीद स्कीम का फायदा उठाया है जिसमें धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यह रेट ग्रेड ए वेरायटी धान का है. इतने बड़े स्तर पर खरीफ धान की खरीद तब हुई है जब देश के कई हिस्सों में सूखे की मार देखी गई. बिहार और यूपी में बारिश कम होने से धान की पैदावार कम हुई.  

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बंगाल में खरीफ धान की खरीद का समय 31 मई तक बढ़ा दिया गया है और असम में इसकी अवधि 30 जून तक चली गई है. देश के अधिकांश राज्यों में धान की खरीद संपन्न हो गई है. जो राज्य बचे हैं उनमें मध्य प्रदेश में 15 फरवरी तक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी तक और ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 31 मार्च तक धान की खरीद चलती रहेगी.

धान पर सूखे का असर कम

उत्तर प्रदेश और बिहार में धान की खरीद में देरी या कमी की आशंका जताई गई थी क्योंकि इन दोनों राज्यों में मॉनसून की बारिश अच्छी नहीं देखी गई. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद अधिक हुई है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसमें कमी आई है. पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद पूरी हो चुकी है. 

धान की खरीद अधिक होने का मतलब है कि किसानों का अनाज एमएसपी पर खरिदा जा रहा है. इससे किसानों को सरकारी रेट पर धान बेचने और अपनी उपज का सही दाम लेने में आसानी रही है. जिन राज्यों में खरीद अभी चल रही है, वहां किसान सरकारी स्कीम का लाभ ले रहे हैं. इस बार देश में धान की बंपर पैदावार हुई है जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. साथ ही सरकार को भी खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज बांटने में सुविधा देखी जा रही है.

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