फलों को सड़ने-गलने से बचाएगा राइपनिंग चैंबर, बिहार सरकार दे रही 35 फीसदी सब्सिडी

फलों को सड़ने-गलने से बचाएगा राइपनिंग चैंबर, बिहार सरकार दे रही 35 फीसदी सब्सिडी

Sarkari Yojana: बिहार के कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत राइपनिंग चैंबर लगाने पर किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है. किसान राइपनिंग चैंबर खोलकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही अपनी फसलों को सड़ने और गलने से बचा सकते हैं.

राइपनिंग चैंबर पर सब्सिडीराइपनिंग चैंबर पर सब्सिडी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 25, 2024,
  • Updated Sep 25, 2024, 12:55 PM IST

बिहार में किसान खेती के अलग-अलग पैटर्न पर ध्यान दे रहे हैं. अब किसान पारंपरिक फसलों की खेती करने के साथ ही बेहतर कमाई देने वाली फसलों पर ध्यान दे रहे हैं. पारंपरिक खेती से अलग बागवानी के जरिए किसानों ने भी अपनी कमाई बढ़ाई है. हालांकि, किसान राइपनिंग चैंबर जैसी मूलभूत सुविधाओं के नहीं होने से ज्यादा मुनाफा हासिल नहीं कर पाते हैं. किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए बिहार सरकार राइपनिंग चैंबर बनाने के लिए 35 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.

जानिए कितनी मिलेगी सब्सिडी

बिहार सरकार का कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत व्यक्तिगत किसानों और उद्यमी किसानों को राइपनिंग चैंबर के लिए इकाई लागत पर 35 प्रतिशत सब्सिडी देने जा रही है. मसलन इस योजना के तहत इकाई लागत एक लाख रुपए की लागत से राइपनिंग चैंबर लगवाते हैं, तो इस पर आपको इकाई लागत की 35 प्रतिशत सब्सिडी विभाग की ओर से दी जाएगी. यानी आपका राइपनिंग चेंबर केवल 65,000 रुपये में तैयार हो जाएगा. वहीं, राइपनिंग चैंबर की मदद से आप अपने उत्पादों को सड़ने-गलने से बचा सकते हैं. इसके अलावा कच्चे फलों की तुड़ाई कर पकाने के लिए स्टोर कर सकते हैं. इसके अलावा, आप इससे फल पकाने का खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं.

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क्या होता है राइपनिंग चेंबर?

एक्सपर्ट के तहत दी गई जानकारी के अनुसार राइपनिंग चैंबर बागवानी फल यानी आम, पपीता और केला सहित कई अन्य फलों को पकाने की कृत्रिम तकनीक है. इस तकनीक में कोल्ड स्टोरेज की तरह ही एक चैंबर बनाया जाता है जिसमें फलों की डिमांड की आपूर्ति के लिए निर्यात किए जाने वाले तोड़े गए अधपके फलों को पकाने के लिए स्टोर किया जाता है. राइपनिंग चैंबर में कच्चे फलों को एथिलीन गैस की मदद से धीरे-धीरे पकाया जाता है. राइपनिंग तकनीक से पके फलों का लंबे समय तक स्टोर और ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. इस तकनीक से पके फल लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं. वहीं शहर में बिकने वाले ज्यादातर फल यानी आम, केले, और पपीते इस फ्रूट राइपनिंग तकनीक से ही पकाए हुए होते हैं.

किसान ऐसे करेंं आवेदन

1. किसान ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले राज्य सरकार की horticulture.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाएं.
2. किसान आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर जाने के बाद योजना का विकल्प चुनें.
3. यहां जाने के बाद आप एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना पर क्लिक करें.
4. इसके बाद राइपनिंग चैंबर पर सब्सिडी के लिए आवेदन करें.
5. यहां क्लिक करने के बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर आ जाएगा.
6. इसके बाद मांगी गई सारी जानकारी को ध्यानपूर्वक और सही-सही भर दें.
7. सभी डिटेल भरने के बाद आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा.

यहां कर सकते हैं आवेदन

बिहार में रहने वाले लोग एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत राइपनिंग चैंबर पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए किसानों को बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट के लिंक पर जाकर आवेदन करना होगा. इसके अलावा किसानों को इससे जुड़ी अधिक जानकारी या फिर किसी सवाल के जवाब के लिए अपने जिले के उद्यान विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक से जाकर मिल सकते हैं.

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