केंद्र सरकार का Agri Infrastructure Fund (AIF) योजना कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव ला रही है. इस योजना के तहत अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश 1.09 लाख से अधिक परियोजनाओं में हो चुका है. इसका उद्देश्य किसानों की उपज को सही तरीके से स्टोर करना, खराब होने से बचाना और बाजार तक बेहतर ढंग से पहुंचाना है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिल सके और फसल के नुकसान में कमी आए.
पिछले पांच वर्षों में सरकार ने कृषि ढांचे को मजबूत करने के लिए 63,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं मंजूर की हैं. इस योजना से अब तक लगभग 90,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र से भी आया है, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है.
किसानों को अपने खेत के पास ही स्टोर करने की सुविधा मिलना बहुत जरूरी है. इससे उनकी उपज खराब होने से बचती है और वे सही समय पर बाजार में बेचकर अधिक लाभ कमा सकते हैं. इस योजना के तहत गोदाम, ठंडे भंडारण (कोल्ड चेन), लॉजिस्टिक्स और अन्य जरूरी सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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अब तक सबसे ज्यादा परियोजनाएं पंजाब (21,740), मध्य प्रदेश (12,495), महाराष्ट्र (10,418) और उत्तर प्रदेश (8,563) में मंजूर हुई हैं. इन राज्यों में कृषि उत्पादन अधिक होने के कारण इन परियोजनाओं की मांग भी ज्यादा है.
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बेहतर भंडारण और मार्केटिंग सुविधाओं की वजह से किसान सीधे ज्यादा उपभोक्ताओं तक अपनी उपज पहुंचा सकते हैं. इससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और मध्यस्थों की संख्या कम होगी. साथ ही, इससे ग्रामीण इलाकों में नए रोजगार के अवसर भी बनेंगे, जिससे ग्रामीण विकास को भी बल मिलेगा.
सरकार का अनुमान है कि इस योजना से हर साल 1.86 मिलियन टन अनाज और 0.34 मिलियन टन बागवानी फसलों का नुकसान रोका जा सकेगा. इससे किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी.