सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में महिला किसानों को वह महत्व नहीं दिया जाता जो उन्हें मिलना चाहिए. महिला किसानों का खेत की बुवाई से लेकर निराई-गुड़ाई, खरपतवार हटाने, फसल काटने तक पुरुष किसानों से ज्यादा भूमिका होती है. इसके बावजूद महिला किसानों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है.
राजस्थान सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए महिला किसानों के सशक्तिकरण की योजना 2018 में लॉंच की.
सावित्री बाई फुले महिला कृषक सशक्तिकरण योजना, कृषि विभाग की ओर से फरवरी 2018 में लागू किया गया था. इस योजना में महिलाओ किसानों को सम्मान देते हुए उनकी उत्पादित की जाने वाली उपज की बिक्री में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया है. ताकि मंडियों में अधिक से अधिक संख्या में महिलाएं भी अपने उत्पाद बेच सकें.
योजना के अनुसार राज्य की किसी भी मण्डी समिति में महिला कृषक द्वारा ई-विकय के बाद ई-भुगतान प्राप्त करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है. अगर ई-भुगतान 50 हजार रुपए से अधिक है तो महिला किसानों को 500 रुपए और ई-भुगतान एक लाख रुपए से ज्यादा होने पर एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि सीधे महिला किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. यह राशि महिला किसानों द्वारा ई-विकय एवं ई-भुगतान का प्रमाण एक माह के अंदर देना होता है. इसके बाद संबंधित कृषि उपज मण्डी समिति उस महिला किसान के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करेगी. यह योजना राजस्थान की सभी कृषि उपज मंडियों में ट्रांजेक्शन करने पर लागू होगी.
योजना के तहत आवेदन करने के लिए ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत नहीं है. आवेदन के लिए आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और एक फोटो की जरूरत होती है. बता दें कि योजना में आवेदन की कोई फीस नहीं है. महिला किसान किसी भी नजदीकी ई-मित्र पर जाकर आवेदन कर सकती हैं.
अगर महिला किसानों को आवेदन में या इसके बाद भुगतान संबंधी कोई भी परेशानी हो तो कृषि विभाग ने एक टोल फ्री नंबर और ई-मेल आईडी जारी की है. महिला किसान 141-2227849 पर संपर्क कर सकती हैं. साथ ही adldir.ext.agri@rajasthan.gov.in पर ई-मेल कर अपनी परेशानी बताई जा सकती है.
पुरस्कार देने के संबंध में अगर किसी तरह का विवाद होता है तो उसका निपटारा कृषि विपणन के डायरेक्टर के द्वारा होगा. इस संबंध में राज्य सरकार का निर्णय ही अंतिम होगा. साथ ही विवाद का न्यायिक क्षेत्र जयपुर होगा.