राजस्थान में अब जल जीवन मिशन के तहत दिए जाने वाले जनभागीदारी के अंशदान को राज्य सरकार चुकाएगी. जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के अंशदान को सरकार एक अप्रैल 2023 से ही वहन कर रही है. अप्रैल महीने से ही इस योजना में जनभागीदारी अंशदान जनता से नहीं लिया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब तक लिए गए अंशदान को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है.
जल जीवन मिशन योजना की गाइड लाइंस के अनुसार योजना की पूंजीगत लागत का सामान्य क्षेत्रों के लिए 10 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति तथा रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए पांच प्रतिशत अंशदान जन भागीदारी के रूप में लिया जाता है.
राजस्थान सरकार को जल जीवन मिशन में केन्द्र सरकार से 10109.10 करोड़ रुपये की राशि मिली है. यह राशि 30 जून 2023 तक की है. मंत्री ने जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार योजना की पूंजीगत लागत का सामान्य क्षेत्रों के लिए 10 प्रतिशत, अनुसूचित जाति, जन जाति तथा डीडीपी क्षेत्रों के लिए पांच प्रतिशत जनभागिता अंशदान लिया जाता है. वहीं, बची हुई राशि का केन्द्र और राज्य सरकार आधा-आधा वहन करती है.
जलदाय मंत्री डॉ. जोशी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र परबतसर में 161 गांवों में से 110 गांवों को जल जीवन मिशन के शुरू होने से पहले ही नल कनेक्शन पहुंचा दिए गए थे. अब बाकी बचे 51 गांवों में मिशन के तहत घर-घर कनेक्शन किया जा रहा है. इसके लिए वृहद पेयजल परियोजनाओं, अन्य योजनाओं की स्वीकृतियां, राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एस.एल.एस.एस.सी.) की विभिन्न बैठकों में जारी की जा चुकी है.
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इन 51 गांवों में मिशन के तहत 10 योजनाओं के माध्यम से घर-घर जल कनेक्शन से जोड़ा जाना है. इनमें से छह योजनाएं पूरी हो चुकी हैं. बची हुई चार योजनाएं अक्टूबर महीने तक पूरी करने का लक्ष्य है.
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि नागौर जिले में पेयजल की औसत मांग 300 एमएलडी प्रतिदिन की है. जबकि जिले को विभिन्न स्रोतों से 306 एमएलडी प्रतिदिन की आपूर्ति की जा रही है.
प्रदेश में अभी तक 42.35 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल के माध्यम से पानी पहुंच रहा है. जब राजस्थान में जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई थी तब प्रदेश में महज 10 प्रतिशत जल कनेक्शन ही उपलब्ध थे.
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दिसम्बर 2019 में प्रदेश में हर घर जल कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी, जो अब बढ़कर 42 लाख 35 हजार हो गई है। 2019 से लेकर अभी तक देखें तो राजस्थान में 30, 61,236 नए जल कनेक्शन दिए जा चुके हैं.
राजस्थान के 1.08 करोड़ परिवारों में से 39.21 प्रतिशत परिवारों में नल कनेक्शन हो चुके हैं. कुल कनेक्शन के आधार पर राजस्थान अभी देश में 12वें स्थान पर है. राजस्थान जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले हमारे राज्य के लिए यह अपने आप में एक उपलब्धि है.