सौर ऊर्जा में सबसे आगे हैं ये दो राज्य, संसद में सरकार ने दी पूरी जानकारी

सौर ऊर्जा में सबसे आगे हैं ये दो राज्य, संसद में सरकार ने दी पूरी जानकारी

राजस्थान में 23 गीगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जिसे नवंबर 2026 तक पूरा किया जाना है. गुजरात में आठ गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन अगले दो साल में शुरू हो सकता है. इन आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में दी.

राजस्थान और गुजरात में सौर ऊर्जा पर सबसे अधिक काम हो रहा है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 28, 2023,
  • Updated Mar 28, 2023, 11:30 AM IST

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दो राज्य सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन दो राज्यों में शामिल हैं राजस्थान और गुजरात. हालांकि सौर ऊर्जा का उत्पादन इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों राज्य अपनी परियोजनाओं को कितनी जल्दी और कितने बेहतर तरीके से लागू करते हैं. राजस्थान और गुजरात में सौर ऊर्जा की सबसे अधिक परियोजनाएं हैं. इन दोनों राज्यों को तय डेडलाइन के मुताबिक अपने-अपने प्रोजेक्ट को पूरा करना है. राजस्थान में 23,207.50 मेगावॉट सौर ऊर्जा पर काम हो रहा है, तो वहीं गुजरात में यह क्षमता आने वाले दिनों में 7921.90 मेगावॉट तक पहुंच सकती है. 

तय डेडलाइन के मुताबिक राजस्थान का सौर प्रोजेक्ट मार्च 2023 से लेकर नवंबर 2026 तक चलेगा. वहीं गुजरात का सोलर प्रोजेक्ट मार्च 2023 से शुरू हो है जो दिसंबर 2024 तक संपन्न हो जाएगा. इसका अर्थ हुआ कि गुजरात में दिसंबर 2024 तक 7921.90 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन मिल सकता है. वहीं राजस्थान में नवंबर 2026 तक 23,207.50 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन मिलने की संभावना है.

उद्योग के विशेषज्ञों की मानें तो सौर ऊर्जा उत्पादन इस बात पर निर्भर करेगा कि कोई राज्य इस दिशा में कितना प्रयास कर रहा है और सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए जगह की उपलब्धता कितनी है. इस साल फरवरी तक का आंकड़ा बताता है कि देश में 64.38 गीगावॉट सोलर पावर का प्लांट लगा दिया गया है, जबकि 52 गीगावॉट की परियोजनाएं लागू की जानी हैं. 

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राजस्थान में 23 गीगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जिसे नवंबर 2026 तक पूरा किया जाना है. गुजरात में आठ गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन अगले दो साल में शुरू हो सकता है. इन आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में दी. सौर ऊर्जा क्षमता में पिछले कुछ साल से राजस्थान का पहला स्थान है क्योंकि सूर्य की किरणों के लिहाज से यहां कई बेहतर जगह हैं. साथ ही, साल में सबसे अधिक सूर्य की किरणें इसी राज्य में पड़ती हैं.

राजस्थान में दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक गैर-कृषि की जमीन है जहां सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए जा सकते हैं. ऐसे स्थान किसी सिंगल साइट के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं क्योंकि एक ही जगह पर कोई बहुत बड़ा प्रोजेक्ट लगाया जा सकता है. अन्य राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र जहां चार गीगावॉट सौर ऊर्जा पर काम कर रहा है, वहीं आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक 2.1-2.6 गीगावॉट क्षमता वाले सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.

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संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, नवीकरणीय ऊर्जा यानी कि रिन्यूएबल एनर्जी में राजस्थान पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर गुजरात है. इन दोंनों राज्यों में सौर ऊर्जा पैदा करने की क्षमता सबसे अधिक है. यही वजह है कि देश में सबसे अधिक सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट इन्हीं दोनों राज्यों में चलाए जा रहे हैं. गुजरात में अगर सौर ऊर्जा पर तेजी से काम हो रहा है तो इसके पीछे वहां की कई नीतियां जिम्मेदार हैं. इसमें सबसे अहम है सब्सिडी का आसान वितरण. लोग इससे प्रभावित होकर अधिक से अधिक सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर जोर दे रहे हैं.

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