राजस्थान सहित पूरे देश में किसानों की ये आम शिकायत है कि उन्हें सिंचाई के लिए दिन में बिजली नहीं मिलती. इससे किसानों का रात में जागकर सिंचाई करनी पड़ती है. इस पर भी उन्हें पूरी बिजली नहीं मिलती, लेकिन इस समस्या का समाधान सौर ऊर्जा संयंत्रों के लगाने में है. इसीलिए सरकार भी किसानों को दिन में बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर जोर दे रही है. इस योजना को सौर कृषि आजीविका योजना नाम दिया गया है. इसके तहत किसानों को दिन में बिजली मिल पाएगी और वे आराम से दिन के उजाले में सिंचाई कर पाएंगे.
प्रदेश में इस योजना के तहत अब 1700 सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए 1395 सब-स्टेशनों का चयन किया गया है. यह सब स्टेशन 33/11 केवी के हैं.
प्रदेश के किसानों को दिन के समय अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध करवाने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयत्रों को बढ़ावा देने के लिए पीएम-कुसुम कम्पोनेन्ट-सी फीडर लेवल सोलराइजेशन के तहत शुरू की गई सौर कृषि आजीविका योजना के तहत ये संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं. योजना के तहत 5100 मेगावाट क्षमता के 1700 सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए 1395 सब-स्टेशनों को चिन्हित किया गया है.
जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत ने बताया कि इन सौर ऊर्जा संयत्रों की सूची व क्षमता सौर कृषि आजीविका योजना पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है. उन्होंने बताया कि जयपुर डिस्कॉम की ओर से 113 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए निविदा जारी की गई थी.
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इसमें से 52.66 मेगावाट के 20 सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए आदेश जारी हो चुके हैं. इसके साथ ही आवेदकों की रुचि को देखते हुए 347 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों के लिए भी निविदाएं जारी की जा चुकी हैं. जोकि ई-प्रोक्योरमेन्ट राजस्थान पोर्टल पर उपलब्ध है.
कुमावत जोड़ते हैं कि सरकार का उद्देश्य राजस्थान को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का है. इसके लिए राज्य की 142 गीगावाट (राजस्थान सोलर पॉलिसी-2019) की विशाल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का दोहन करके नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करना है.
ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोतों जैसे कोयला, तेल व गैस आदि पर निर्भरता को कम करके उपभोक्ताओं को गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से सस्ती और अच्छी गुणवत्ता की बिजली प्रदान ही इस योजना का मकसद है.
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किसानों, भूमि मालिकों और सौर ऊर्जा विकासकर्ताओं की सुविधा के लिए ऊर्जा मंत्री भंवर सिह भाटी ने सौर कृषि आजीविका योजना- ऑनलाइन भूमि पंजीकरण वेब पोर्टल की भी शुरूआत की थी. इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों व भूमि मालिकों को रेस्को (RESCO) मोड पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पूर्व निर्धारित लीज के आधार पर अपनी बंजर व अनुपयोगी भूमि को लीज पर देने की सुविधा है.